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कोरोना : धारणाएं दूर करने को होम्योपैथी चिकित्सक ने शुरु किया 'मेरे प्रश्न मेरे उत्तर'

लखनऊ, 10 मई(हि.स.)। कोरोना काल में जनता के मन में कोरोना के सम्बंध में अनेक धारणाएं व्याप्त हैं, उन्हीं को दूर करने के लिए केन्द्रीय होम्योपैथिक परिषद के पूर्व सदस्य और होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ.अनुरूद्ध वर्मा ने 'मेरे प्रश्न मेरे उत्तर' कार्यक्रम किया। कोरोना काल में होम्योपैथी चिकित्सक डॉ.अनिरुद्ध ने लखनऊ के विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच वर्चुअल के माध्यम से 'मेरे प्रश्न मेरे उत्तर' कार्यक्रम का आयोजन किया। उन्होंने स्वयं ही प्रश्न किए और उत्तर दिए। होम्योपैथी में कोरोना से बचाव का क्या उपाय है? इस पर उन्होंने कहा कि होम्योपैथी में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय ने आर्सेनिक एल्बम 30 शक्ति में 3 दिन तक प्रातः खाली पेट लेने की सलाह दी है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी, जो कोरोना से बचाव में कारगर है। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना संक्रमण के पश्चात नेगटिव हो जाने के बाद क्या सामान्य जीवन जी सकते है? इस पर कहा कि कोरोना निगेटिव हो जाने के बाद भी मास्क लगाना, बार-बार हाथ धोना, दो गज की दूरी बनाये रखना, भीड़-भाड़ में जाने से बचना, गुनगुना पानी पीना, संतुलित आहार लेना, विटामिन सी का प्रयोग करना और चिकित्सक द्वारा बताई गयी सलाह का पालन करना चाहिए। आज कल सोशल मीडिया पर कोरोना के लिए अनेक होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक नुख्से बताये जा रहें हैं क्या उन्हें लेना चाहिए? इस पर कहा कि सोशल मीडिया पर बताये गयी सलाह पर अमल करना उचित नहीं है। सरकारी दिशा निर्देशों और प्रशिक्षित चिकित्सक की सलाह से ही कोई दवाई लेनी चाहिये। कोरोना संक्रमण के बाद होने वाली जटिलताओं का उपचार होम्योपैथी में है? इस स्वयं के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के बाद कमजोरी, शरीर में दर्द, चक्कर आना, भूख कम लगना, याददाश्त में कमी आदि की समस्याएं हो सकती है। पौष्टिक भोजन लें, योग, प्राणयाम करें, दिनचर्या को नियमित रखें। होम्योपैथी में इसके लिए प्रभावी औषधियां हैं, जिनका प्रयोग चिकित्सक की सलाह पर ही करें। अगला सवाल डायबिटीज के रोगी कोरोना वैक्सीन लगवा सकते हैं? उन्होंने कहा कि कोरोना की वैक्सीन लगवा सकते हैं। डाइबिटीज को कंट्रोल रखें। कोरोना से बचाव के सभी उपाय करें। क्या होम्योपैथिक दवाइयां शरीर में ऑक्सीजन की कमी को बढ़ा सकती है? इस पर कहा कि होम्योपैथिक दवाइयां मेडिकल ऑक्सीजन का विकल्प नहीं हो सकती है परंतु यदि मेडिकल ऑक्सीजन के साथ प्रयोग की जाए तो ऑक्सीजन पर निर्भरता कम हो सकती है और ऑक्सीजन लेवल बढ़ने में मदद मिल सकती है। क्या कोरोना के उपचार में एलोपैथिक दवाईओं के साथ होम्योपैथिक दवाईओं का प्रयोग किया जा सकता है? उत्तर देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित एलोपैथिक प्रोटोकाल के साथ यदि प्रशिक्षित चिकित्सक की सलाह से होम्योपैथिक औषधि ली जाए तो बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। सवाल, कोरोना नेगेटिव होने के कितने समय बाद टीका लगवा सकते हैं? कहा कि कोरोना से नेगेटिव होने के एक महीने बाद कोरोना वैक्सीन का टीका लगवायी जा सकती है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए होम्योपैथी में कोई पेटेंट दवाई है, इस पर कहा कि 'होम्योपैथी में रोग नहीं रोगी की औषधि होती है जो उसके व्यक्तिगत लक्षणों, आचार-विचार, व्यवहार, पसंद नापसंद को ध्यान में रखकर दी जाती है। कोरोना की खबरों को पढ़कर व सुनकर नींद नहीं आने की शिकायत बढ़ गई, इसके समाधान के लिए क्या करना चाहिए? इस पर कहा कि सभी लोग मन को शांत रखें, मधुर संगीत सुनें, हल्का भोजन करें, योग एव प्राणयाम करें। खुली हवा में छत पर टहलें। नींद की दवाईओं का प्रयोग बिल्कुल न करें। हिन्दुस्थान समाचार/शरद

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