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कबीरचौरा मूलगादी मठ में उत्तराधिकारी को लेकर विवाद, अनिल दास ने खुद को बताया महंत

महंत विवेक दास ने प्रमोद दास को मठ का उत्तराधिकारी घोषित किया था वाराणसी, 29 जून (हि.स.)। कबीरचौरा मूलगादी मठ में उत्तराधिकारी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मठ के महंत विवेकदास ने कबीर प्राकट्योत्सव पर प्रमोद दास को उत्तराधिकारी घोषित किया था। मठ में सादगी से उत्तराधिकारी बनाने की प्रक्रिया पूर्ण की गई थी। मंगलवार को पराड़कर भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में महंत अनिल दास ने दावा किया कि वे मठ के 24वें महंत है। उन्होंने कहा कि विवेक दास ने 24 वां महंत मूलगादी मठ न होते हुए भी 25 वें आचार्य महंत के नाम की उद्घोषणा कर दी। जिसे भिन्न-भिन्न समाचार पत्रों में भी प्रकाशित कराया गया। महंत अनिल दास ने प्रमोद दास को महंत बनाये जाने का खंडन कर कहा कि जो बातें लिखी गई है, वह झूठी काल्पनिक और अमर्यादित है। बताया कि 14 अगस्त 2015 को 24 वां महंत उन्हें कबीर पंथ परंपरा के अनुसार घोषित किया गया। 23 वें आचार्य महंत गंगा शरणदास ने हमारे नाम रजिस्टर्ड वसीयत किया था। संपूर्ण भारत देश एवं भारत देश से बाहर चल-अचल संपत्ति मंदिर ट्रस्ट इत्यादि पर देख-रेख धर्म कबीर पंथ परंपरा का प्रचार-प्रसार का उत्तरदायित्व दिया था। 24 अगस्त को 23 वें आचार्य महंत गंगाशरणदास ब्रह्मलीन हो गये। जिसके उपरांत चल-अचल संपत्ति मठ मंदिर एवं अन्य वैधानिक संस्थानों पर 24 वें आचार्य महंत अनिल दास का नामांतरण की कार्रवाई चल रही है एवं हो चुकी है। जिसमें विवेक दास आपत्ति करता भी है। महंत अनिल दास ने बताया कि बीते 23 जून को जिलाधिकारी वाराणसी से शिष्टाचार मुलाकात कर पूरे मामले की जानकारी दी थी। सदगुरु कबीर दास मूलगादी मंदिर मठ कबीरचौरा पर अवैध कब्जेदार विवेक दास को हटाकर स्वयं को स्थापित करने के लिए सहयोग की अपील की थी। महंत अनिल दास ने कहा कि मठ के भक्त विवेकदास के भ्रामक प्रचार में न आये। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर

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