रामकथा संग्रहालय में होगा सूर्यवंशी राजाओं का सम्पूर्ण इतिहास : डॉ. नीलकंठ तिवारी

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-उप्र के पर्यटन, संस्कृति एवं धर्माथ कार्य मंत्री रामकथा संग्रहालय को लेकर की समीक्षा बैठक -रामकथा संग्रहालय में जल्द पूर्ण किए जाएं डिजिटल इन्टरवेन्शन के कार्य: मंत्री लखनऊ, 14 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति एवं धर्माथ कार्य, मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने सोमवार को यहां कहा कि अयोध्या में बन रहे रामकथा संग्रहालय में सूर्यवंशी राजाओं का सम्पूर्ण इतिहास सम्मिलित रहेगा। अधिकारियों को उन्होंने रामकथा संग्रहालय में डिजिटल इन्टरवेन्शन के कार्यों को जल्द पूर्ण कराने का निर्देश दिया है। डॉ. नीलकंठ तिवारी आज अयोध्या स्थित रामकथा संग्रहालय की योजना के संबंध में एक समीक्षा बैठक कर रहे थे। राजधानी लखनऊ स्थित पर्यटन निदेशालय के सभाकक्ष में आयोजित बैठक के दौरान उनके समक्ष रामकथा संग्रहालय में राम कथा पर आधारित डिजिटल इन्टरवेन्शन से संबंधित कराये जाने वाले कार्यों का प्रस्तुतीकरण भी किया गया। मंत्री ने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा अयोध्या का समेकित विकास किया जा रहा है, जिससे वहां पधारने वाले पर्यटकों व श्रृद्धालुओं को हर सम्भव सुविधा प्राप्त हो सके। इसके साथ-ही-साथ देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों का पर्यटन-अनुभव बेहतर हो सके। उन्होंने बताया कि संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा म्यूजियम ग्राण्ट स्कीम के अन्तर्गत अयोध्या स्थित रामकथा संग्रहालय में राम कथा पर आधारित डिजिटल इन्टरवेन्शन हेतु 13.48 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत गयी है, जिसमें से आठ करोड़ का अनुदान संस्कृति मत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिया जायेगा एवं शेष धनराशि प्रदेश सरकार द्वारा वहन की जायेगी। इस कार्य की कार्यदायी संस्था उप्र राजकीय निर्माण निगम है। रामकथा संग्रहालय में बनेगी चार गैलरी डॉ. नीलकंठ तिवारी ने बताया कि रामकथा संग्रहालय में चार गैलरी प्रस्तावित है, जिसमें 270 डिग्री प्रोजेक्शन मैपिंग, होलोग्राफिक इमेजिंग, एलईडी वाॅल इत्यादि के माध्यम से प्रभु श्रीराम की जीवनी दर्शायी जाएगी। प्रत्येक गैलरी में 30 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी तथा प्रति गैलरी में लगभग 10 मिनट का प्रभु श्रीराम के जीवन काल के प्रसंगो पर आधारित कथा का प्रदर्शन होगा। समीक्षा बैठक के दौरान पर्यटन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि रामचरितमानस का पूर्ण अध्ययन करने के पश्चात ही रामकथा पर आधारित डिजिटल इन्टरवेन्शन का कार्य किया जाना उचित होगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या का समग्र इतिहास आध्यात्मिक, पौराणिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से समझना अत्यन्त आवश्यक है। ऐतिहासिक धरोहरों को बगैर नुकसान पहुंचाए हो विकास कार्य पर्यटन मंत्री द्वारा निर्देश दिए गए कि हमारी ऐतिहासिक धरोहरों की तरफ पर्यटकों को आकर्षित किए जाने हेतु विकसित किया जाना आवश्यक है, परन्तु धरोहरों को बिना नुकसान पहुँचाए, उस स्थान का विकास किया जाना चाहिए। जो भी विकास कार्य हो, वह उत्तम श्रेणी का एवं विश्व स्तरीय हो। मंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि प्रभु श्रीराम की कथा का प्रारम्भ उसके इतिहास से होना चाहिए, जिसमें सूर्यवंशी राजाओं का सम्पूर्ण इतिहास सम्मिलित हो। जो भी चित्र बनाए जाएं, उन सभी का गहन शोध किया गया हो तथा हर चरित्र के मुख के भाव की अभिव्यक्ति का उसमें समावेश हो। प्रभु श्रीराम की कथा को ऐसे दर्शाया जाए, जिससे बच्चें एवं युवा उनकी जीवनी से भली-भाँति परिचित हो सकें और उनके द्वारा स्थापित आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसार और अपनाने का प्रयास कर सकें। मंत्री द्वारा रामकथा संग्रहालय में राम कथा पर आधारित डिजिटल इन्टरवेन्शन का कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कराये जाने के निर्देश भी दिए गए। बैठक में मुकेश कुमार मेश्राम, प्रमुख सचिव एवं महानिदेशक पर्यटन एवं संस्कृति विभाग, अविनाश चन्द्र मिश्र, संयुक्त निदेशक पर्यटन एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार/ पीएन द्विवेदी

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