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चित्रकूट जेल कांड : गैंगवार में मारा गया मेराज मुख्तार से पहले मुन्ना बजरंगी था करीबी

लखनऊ, 14 मई (हि.स.)। जिला जेल में गैंगवार में मारा गया मेराज अली पूर्वांचल का शातिर अपराधी था। छोटी-छोटी वारदातों को अंजाम देने के बाद उसने सीधे मुन्ना बजरंगी के लिए काम करना शुरु कर दिया था। इसके बाद बागपत जेल में गैंगवार में मुन्ना बजरंगी के मारे जाने के बाद वह मुख्तार अंसारी के लिए काम करने लगा। मूलरुप से वाराणसी का रहने वाला मेराज अली को पुलिस के दबाव में आकर उसने खुद को आत्मसमपर्ण किया था। उसने जमीन को खाली कराने के लिए धमकी दी थी, जिस पर उसके खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश तेज कर दी। मकान की कुर्की तैयारी की जा रही थी,तभी उसने जैतापुर थाना में खुद को सरेंडर कर दिया था। बनारस की जेल में उसका विवाद हो गया तो उसे कुछ माह पहले ही चित्रकूट की जेल में भेजा गया था। यहां पर पहले से ही पूर्वांचल का एक और बदमाश अंशु दीक्षित बंद था। मेराज के गैंग में आ जाने के बाद अंशु दीक्षित से पटरी नहीं खाती थी। गिरफ्तारी से पहले भी दोनों के बीच कई बार टकराव हो चुका था, जिसे शांत कराया गया था। संभ्वत: यह आशंका जताई जा रही है कि इसी रंजिश के चलते चित्रकूट जेल में यह गैंगवार हुई है। जिसमें अंशु दीक्षित ने मेराज और मुकीम काला को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद पुलिस ने एनकाउंटर में अंशु को मार गिराया। नौजवानों का जोड़ने का काम करता था मेराज वाराणसी में मुन्ना बजरंगी के लिए काम करने वाले टिटू गुप्ता की गैंग दूसरी सलमान की गैंग थी और तीसरी गैंग सनी सिंह थी। इसमें से सनी और टिटू मारे जा चुके हैं, जबकि सलमान फरार चल रहा है। सलमान को मुन्ना बजरंगी से जोड़ने का काम मेराज ने किया था। उसके पास नये शूटरों की फौज है। बनारस में मारे गए रहीश बनारसी के लिए भी काम करता था। सलमान जैसे तमाम नौ जवानों को अपराध जगत में लाने का काम मुन्ना बजरंगी के लिए मेराज करता था। हिन्दुस्थान समाचार/दीपक

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