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विकासशील इम्यून सिस्टम से कोरोना को मात दे रहे बच्चे: डाॅ यशवंत

थायमस ग्लैंड भी वायरस के प्रभाव को कम करने में करता है मदद कानपुर, 26 अप्रैल (हि.स.)। अस्पताल में भर्ती कोरोना ग्रसित बच्चों के अध्ययन से पता चला कि इनका रिकवरी रेट लगभग शत प्रतिशत है। यह सब विकासशील प्रक्रिया के इम्यून सिस्टम और थायमस ग्लैंड के चलते हो सका। यानी 14 वर्ष तक के किशोर वयस्क व्यक्ति की अपेक्षा अधिक तेजी से कोरोना को मात दे रहे हैं। यह बातें सोमवार को जीएसवीएम मेडिकल कालेज के बाल रोग विशेषज्ञ व विभागाध्यक्ष डाॅ. यशवंत राय ने कही। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर सभी परिवार अपने बच्चों को लेकर अधिक चिंतित हो रहे हैं, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में अब तक अस्पताल में भर्ती बच्चों का रिकवरी रेट बहुत बेहतर रहा। इस पर अध्ययन करने से पता चला कि बच्चों में इम्यून सिस्टम विकासशील प्रक्रिया में रहता है। उनका लिवर, गुर्दा, दिल और फेफड़े बहुत अच्छे से काम करते हैं। इसीलिए वायरस उन पर कोई खास असर नहीं दिखा पाता है। उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर में कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं, जिससे वायरस का रिएक्शन खतरनाक होता है। इसके साथ ही बच्चों के गले में थायमस ग्लैंड होते हैं। यह 12 से 14 साल की उम्र तक आते-आते बिल्कुल खत्म हो जाते हैं। यही वायरस को रोकते हैं। यही वजह है कि गर्भवती महिलाओं पर संक्रमण का असर भी कम रहता है। उन्होंने बताया कि बच्चों के सेल्स में ऐश रिसेप्टर की संख्या बहुत कम रहती है। किसी भी तरह का वायरस इन्हीं रिसेप्टर से चिपककर सेल्स पर हमला करते हुए अंदर दाखिल होता है। बच्चों में संख्या कम होने के चलते वायरस का लोड भी कम रहता है। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/विद्या कान्त

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