
साठ प्रतिशत केन्द्र व शेष राज्य सरकारें करेगी खर्च प्रयागराज, 10 जनवरी (हि.स.)। केन्द्रीय मंत्रिमण्डल ने अनुसूचित जाति के छात्रों को लाभ पहुंचाने हेतु मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति के अंतर्गत 59,048 करोड़ रुपये के निवेश को अनुमोदन प्रदान किया है। जिसमें से केन्द्र सरकार 35,534 करोड़ यानि साठ प्रतिशत तथा शेष राशि राज्य सरकारों द्वारा खर्च की जायेगी। यह बातें मंझनपुर विधायक लाल बहादुर ने रविवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि यह स्कीम मौजूदा ‘प्रतिबद्ध देयता’ प्रणाली को प्रतिस्थापित करेगी। मंत्रिमण्डल ने इस स्कीम के उपयुक्त कार्यान्वयन पर अधिक जोर दिया है ताकि समय पर भुगतान किया जा सके, व्यापक जवाबदेही, निरंतर निगरानी और पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने बताया कि यह स्कीम ऑनलाइन प्लेटफार्म पर संचालित की जायेगी। छात्रों को वित्तीय सहायता का आहरण डीबीटी मोड के माध्यम से और अधिमान्यता आधार सबल भुगतान प्रणाली को प्रयोग में लाकर किया जायेगा। अंत में उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सहायता जो वर्ष 2017-18 से 2019-20 के दौरान लगभग 1100 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष थी, उसे 2021-22 से 2025-26 के दौरान पांच गुना से अधिक बढ़ाकर लगभग छह हजार करोड़ रुपये प्रतिवर्ष किया जायेगा। भाजपा महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी ने कहा कि भाजपा के विकास का पहिया निरंतर चलता रहेगा। सब की समस्याओं का समाधान हो, यही सरकार की मंशा है। इस योजना से उन गरीबों को लाभ मिलेगा जो अपने बच्चों को पैसे के अभाव में उच्च शिक्षा नहीं दिला पाते थे। इस दौरान कुंज बिहारी मिश्रा, मीडिया प्रभारी राजेश केसरवानी आदि उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/संजय-hindusthansamachar.in