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उपचुनाव : भाजपा व कांग्रेस के दिग्गज नहीं बचा पाए अस्मत, सपा ने भी डुबवाई लुटिया

झांसी, 06 मई (हि.स.)। यू तो रानीपुर टेरीकाट के नाम से रानीपुर का नाम पूरे देश में चर्चित है। हालांकि आजकल जब वहां कपडे़ की मिलें बंद पड़ी हैं तो वहां का उपचुनाव चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चा होना भी चाहिए। जहां भारतीय जनता पार्टी का विधायक व कांग्रेस पार्टी का जिलाध्यक्ष स्वयं निवास करता हो। ऐसे में वहां किसी निर्दलीय द्वारा दोनों दलों के समर्थित उम्मीदवारों को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा हो तो चर्चा तो बनती है। रही सही कसर सपा ने भी पूरी कर ली। सपा ने अपना समर्थन हाल ही में नगर पंचायत पद पर विजयी हुई बाहुबली पूर्व ब्लाॅक प्रमुख लेखराज सिंह यादव की पत्नी राममूर्ति को न देकर और भी बड़ी भूल कर ली। निर्दलीय होने के बाबजूद राममूर्ति ने तीनों पार्टियों के समर्थित उम्मीदवारों को धूल चटा दी और सब एक दूसरे का मुंह ताकते रह गए। गौरतलब है कि, प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार पिछले 4 वर्षों में है। भाजपा की लहर ने क्षेत्र में रानीपुर निवासी बिहारी लाल आर्य को विधायक बना दिया। रानीपुर उनका निवास स्थल है। इसके अलावा भाजपा के क्षेत्रीय महामंत्री रामकिशोर साहू भी उसी क्षेत्र से हैं। वहीं कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भगवानदास कोरी का भी निवासस्थल रानीपुर ही है। उन्हें तो स्वंय कांग्रेस के हाईकमान ने जिलाध्यक्ष बनाया था। जबकि लेखराज सिंह यादव पूर्व में सपा के दिग्गज नेता के बहुत करीबी जाने जाते रहे हैं। इसके बाबजूद भी सपा ने उन्हें सहयोग न करते हुए अपना उम्मीदवार नहीं बनाया। इन तीनों पार्टियों के दिग्गजों को आइना दिखाते हुए आज राममूर्ति ने अध्यक्ष पद पर भारी अन्तर से विजय हासिल की। यह बड़ी जीत राममूर्ति ने तब दर्ज की है जब पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष रानीपुर भगत सिह, उसका भाई जयहिन्द, पिता लेखराज समेत परिवार के 8 लोग जेल में हैं। वहीं भाजपा ने अपना दाव उस पार्षद प्रदीप गुप्ता पर लगाया था जिसने लेखराज पर मुकद्मा दर्ज कराते हुए उसे जेल भिजवाया था। फिलहाल कुछ भी हो तीनों पार्टियों के दिग्गज अपनी व पार्टी की नाक भी नहीं बचा पाए। इससे पूर्व जब लेखराज के पुत्र भगत सिंह ने चुनाव लड़ा था तो अपने प्रतिद्वंदी को करीब आधे से अधिक मतों से पराजित किया था। कुछ यही हाल आज भी है जब भगत सिंह की मां ने अपने प्रतिद्वंदी भाजपा समर्थित उम्मीदवार को करीब आधे के अन्तर से शिकस्त दी है। इस स्थिति पर भाजपा के विधायक व कांग्रेस के जिलाध्यक्ष समेत सपा के धुरंधरों को आत्ममंथन जरुर करना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/महेश

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