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मन को एकाग्र कर चित्तवृत्तिओं का लोप करें तभी समाधि का अनुभूति होगी

-कुटुम्ब प्रबोधन काशी प्रांत के यम नियम सप्ताह का चौथा दिन वाराणसी, 18 जून (हि.स.)। डेढ़ लाख परिवारों तक यम नियम को पहुंचाने के लिए संकल्पित कुटुम्ब प्रबोधन काशी प्रांत ने लगातार चौथे दिन संयम एवं शौच विषय पर वर्चुअल व्याख्यान आयोजित किया। विभाग संयोजक राजेन्द्र ने खराब मौसम के बावजूद विषय को सरलता से बताया। भारतीय कुटुंब में स्वस्फुरित, स्व आरोपित नियमों के आयाम का उल्लेख कर शारीरिक संयम तथा शौच, संतोष, तप स्वाध्याय और ईश्वर प्राणिधान, श्वांस प्रश्वास के नियंत्रण एवं इन्द्रियों के बाह्य विषयों को बताया। उन्होंने बताया कि अधिकाधिक एकाग्र होने पर सामर्थ्य मिलता है। किसी एक वस्तु, विषय पर "मन" को एकाग्र करते हुए चित्तवृत्तिओं का लोप किया जाय, तभी समाधि में आनंद की अनुभूति की जा सकती है। काशी प्रान्त के धर्म जागरण प्रमुख गुलाब से भी विषय पर चर्चा हुई। कुटुम्ब में एक घंटा शारीरिक व्यायाम,योग,आसन,प्राणायाम एवं आधा घंटा पूजा करने पर जोर दिया गया। मातृ शक्ति के योग अभ्यास को लेकर भी विमर्श चला। विंध्याचल, प्रयागराज, भदोही, सोनभद्र जिले में भी इस तरह का कार्यक्रम आयोजित किया गया। वेबिनार में ज्योतिषविद शालिनी कृष्णा खरे दैवज्ञश्री का 'सामान्य जन द्वारा यम नियम की स्वीकार्यता' पर सांयकाल सात बजे से बौद्धिक हुआ। शालिनी कृष्णा ने पातंजलि योग दर्शन के बारे में भी बताया। पूरा कार्यक्रम प्रान्त संयोजक डा. शुकदेव त्रिपाठी की देखरेख में हुआ। कार्यक्रम का संयोजन कविता मालवीय ने किया। उधर,लगातार दूसरे दिन धार्मिक अनुष्ठान पौरोहित्य व संस्कार प्रमुख वेंकट रमण घनपाठी ने हरिश्चन्द्र घाट स्थित आश्रम से वैदिक शिक्षा संस्कार की शिक्षा बालक-बालिकाओं को दी। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर

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