bundelkhand-got-rs-2360-lakh-to-save-it-from-corona
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कोरोना से बचाने के लिये बुन्देलखंड को मिले 2360 लाख रुपये

-शासन ने मेडिकल इक्यूपमेंट की खरीद को 23.60 करोड़ की धनराशि की अवमुक्त हमीरपुर, 30 मई (हि.स.)। हमीरपुर समेत बुन्देलखंड क्षेत्र को कोरोना की घातक लहर से बचाने के लिये सरकार ने बड़ी राहत दी है। 2360 लाख रुपये की धनराशि भी बुन्देलखंड के सातों जिलों को अवमुक्त कर दी गई है। इस धनराशि से मेडिकल उपकरण, दवायें, टेस्टिंग किटें व पीपीई किटें खरीदी जायेंगी। साथ ही कोरोना की लहर से बचाव और उसकी रोकथाम की जायेगी। शासन ने करोना वायरस की लहर को देखते हुए अति आवश्यक मेडिकल कन्ज्यूमेबल तथा मेडिकल इक्यूपमेन्ट की खरीद के लिए बुन्देलखण्ड को 23 करोड़ 60 लाख की धनराशि आवंटित की है। शासनादेश संख्या-861 के द्वारा बुन्देलखण्ड के जनपद हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, जालौन, ललितपुर को दस-दस लाख कुल 60 लाख की धनराशि एवं शासनादेश संख्या-872 के द्वारा जनपद हमीरपुर को 200 लाख, जनपद बांदा को 500 लाख, जनपद महोबा को 200 लाख, जनपद चित्रकूट को 200 लाख, जनपद झॉसी को 500 लाख, जनपद जालौन को 200 लाख एवं जनपद ललितपुर को 500 लाख कुल 2300 लाख की धनराशि आवंटित की गई है। इस प्रकार दोनों शासनादेशों के द्वारा बुन्देलण्ड को कुल 2360 लाख की धनराशि आवंटित की गयी है। आवंटित की गई धनराशि का उपयोग करोना वायरस की दूसरी लहर को देखते हुए प्रभावित जनपदों में कोविड-19 के नियंत्रण के लिए कोविड जांच, सैंपल कलेक्शन के कन्ज्यूमेबिल्स, चेकिंग, स्क्रीनिंग, कान्टेक्ट ट्रेसिंग की व्यवस्था, परीक्षण के लिए अतिरिक्त प्रयोगशाला स्थापित करने, टेस्टिंग किट, पीपीई किट, थर्मल स्कैनर, एयर प्यूरिफायर, आक्सीजन जनरेशन व स्टोरिंग प्लान्ट, रोगियों के लिए एम्बुलेंस सेवा, कन्टेनमेन्ट जोन, कोविड-19 हॉस्पिटल, कोविड-19 केयर सेन्टर की स्थापना का कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही मेडिकल कन्ज्यूमेबिल्स जैसे दवाएं, एन-95 मास्क, होम मेडिकल किट, ऑक्सजन सिलेण्डर आदि भी खरीदे जाएंगे। सर्विलांस एवं स्क्रीनिंग ऑपरेशन एवं कन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए ए श्रेणी के जनपद में अधिकतम 15 वाहन एवं बी श्रेणी के जनपदों में अधिकतम 10 वाहन किराये पर रखने भी व्यवस्था की गयी है। सभी गाड़ियों पर व्यय खर्चों एवं टैक्स सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के टेंडर दर से अधिक अनुमन्य नहीं होगा। सर्विलांस एवं स्क्रीनिंग कार्य के लिए आवश्यक सेवाएं आउटसोर्सिंग पर अनुमन्य होगी किन्तु मानव सेवा जैसे चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ तथा लैब टेक्निशियन आदि की संविदा की सेवाएं अनुमन्य नहीं होगी। इन पर होने वाला खर्च एनएचएम से वहन किया जाएगा। गौरतलब है कि कारोना वायरस की लहर की शुरूआत में पॉजिटिविटी रेट एवं मृत्यु दर अधिक होने के कारण शासन ने इसकी रोकथाम के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है। जहां एक ओर लॉकडाउन की पाबंदियां लागू की गई है। वहीं मेडिकल उपकरण, दवाओं, टेस्टिंग किट की खरीद पर भी जोर दिया जा रहा है। ताकि अधिक से अधिक संख्या में जांच कर कोविड-19 से ग्रसित लोगों की जांच कर उनका समय से इलाज किया जा सके और वायरस को फैलने से रोका जा सके। छह सदस्यीय कमेटी की संस्तुति पर खर्च होगी धनराशि अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने सभी जिलाधिकारीं को निर्देश दिये हैं कि औषधियों एवं मेडिकल उपकरणों की खरीद में स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों एवं वित्तीय नियमों का पूरी तरह पालन किया जाएगा। जिन कार्यों के लिए एनएचएम में धनराशि उपलब्ध है, उन मदों में इस धनराशि का व्यय नहीं किया जायेगा। उक्त स्वीकृत धनराशि का व्यय जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित 6 सदस्यीय समिति जिसमें मुख्य चिकित्साधिकारी, जहां मेडिकल कालेज होंगे वहां के प्राचार्य, मुख्य विकास अधिकारी, प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय, कोषाधिकारी की संस्तुति पर किया जाएगा। कोविड की तीसरी लहर को लेकर बच्चों का बनेगा आईसीयू सीएमओ डा.आरके सचान ने रविवार को बताया कि कोविड की संभावित तीसरी लहर से पहले ही यहां विभाग तैयारियों में जुटा है। महिला अस्पताल में बच्चों के लिये आईसीयू वार्ड बनाया जायेगा वहीं छानी, नौरंगा, मौदहा व मुस्करा सीएचसी को कोविड हास्पिटल में बदला जायेगा। आँक्सीजन की सुविधायें भी राठ सहित अन्य सीएचसी में की जायेगी। कोविड को लेकर शासन से बजट मिला है। जिसमें मेडिकल उपकरणों और दवाओं के साथ ही अन्य सामग्री का इंतजाम किया जा रहा है। बताया कि कोविड की तीसरी संभावित लहर से पहले ही यहां सारी तैयारियां पूरी हो जायेगी। हिन्दुस्थान समाचार/ पंकज/

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