स्तनपान कराने वाली महिलाएं लगवा सकती हैं टीकाकरण : डॉ. संगीता यादव

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- कोरोना से बचाव के लिए बच्चों को कोरोना से जुड़े उचित व्यवहार सिखाए व पौष्टिक भोजन दें। कानपुर, 21 जून (हि.स.)। कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए व्यक्ति के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का होना बहुत जरुरी है। सम्भावित आने वाले तीसरी लहर में इससे बच्चों के प्रभावित होने की आशंका है। उन्हें इस घातक संक्रमण से बचाने व निपटने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान रखना होगा। उन्हें प्रचुर मात्रा में विटामिन सी, प्रोटीन खाद्य पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन कराया जाएं। इन्ही सावधानियों को स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी अपनाना चाहिए। साथ ही वह कोरोना टीकाकरण भी लगवा सकती हैं, इससे उनमें कोरोना संक्रमित होने की आशंका कम हो जाएगी। यह बातें 'हिन्दुस्थान समाचार' से खास बातचीत में संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल कॉलेज लखनऊ (एसजीपीआई) के मातृ और प्रजनन स्वास्थ्य विभाग की एडिशनल प्रोफेसर डॉ. संगीता यादव ने कही। उन्होंने कहा कि भले ही हम कोरोना की पहली और दूसरी लहर से लगभग निकल आए हो लेकिन आने वाले समय में तीसरी लहर की चुनौती बनी हुई है। हमें अभी से सावधान रहना होगा। क्योंकि गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि यदि उनमें कोरोना संक्रमण होता हैं ऐसे में समय पूर्व प्रसव होने का खतरा होता है। जिसके कारण नवजात शिशुओं में कुछ जटिल समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में हमें गर्भवती महिलाओं के देखभाल के साथ सावधानियों को अपनाना होगा। ताकि मां के साथ-साथ होने वाले शिशु को भी स्वस्थ, तंदुरुस्त रखा जा सके। स्तनपान कराने वाली महिलाएं लगवा सकती हैं वैक्सीन डॉ. संगीता ने बताया कि स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी वह अब वैक्सीन लगवा सकती है। जिससे उन्हें खुद और बच्चों को भी प्रोटेक्शन मिलेगी। साथ ही इन्फेक्शन का खतरा कम हो जाएगा। मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ फैमिली वेलफेयर ने यह अप्रूव कर दिया है कि जो भी महिलाएं स्तनपान करा रही हैं। वह वैक्सीन लगवा सकती है। खानपान का रखे विशेष ख्याल डॉक्टर का कहना है कि महामारी के दौर में तीसरी लहर में बच्चों में प्रतिकूल असर पड़ने की सम्भावना है। इसको देखते हुए अभी से ही अभिभावकों को विशेषकर सतर्कता बरतनी होगी। बाहर का खाना और जंक फूड आदि से बच्चों को दूर रखें। घर का बना शुद्ध और कम तैलीय खाना खाएं, फल आदि का ज्यादा सेवन करें। खाने में अनाज, दालें, हरी सब्जियां व फल आदि का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें। यहीं डाइट स्तनपान वाली महिलाओं को भी अपनानी चाहिए। इससे खुद के साथ-साथ दुधमुंहे बच्चों में भी रोगों से लड़ने व उनसे बचने की आंशका बढ़ जाती है। डॉक्टर के मुताबिक, सम्भव हो तो उपलब्धता को देखते हुए डाइटिशियन से परामर्श लेकर भी भोजन करना चाहिए। बीमार बच्चों को अधिक प्रभावित करेगी तीसरी लहर डा संगीता ने बताया कि, इस समस्या का प्रभाव उन बच्चों में ज्यादा दिखाई देगा, जिन्हें किसी बीमारी जैसे ब्लड कैंसर, अस्थमा, फेफड़ा, किडनी से संबंधित बीमारी हैं। ऐसे बच्चों को यह बीमारी ज्यादा प्रभावित कर सकती है। इनका ज्यादा बचाव व तत्काल उपचार की व्यवस्था रखना पड़ेगा। किसी कारणवश दवा या उन्हें बाहर जाना पड़े तो मॉस्क व सामाजिक दूरी आदि नियमों का पालन करने के साथ ही समय-समय पर सैनिटाइजर का उपयोग भी करना पड़ेगा। इस परिस्थिति में बच्चों के साथ-साथ घर के सभी सदस्यों को इन बातों का मुख्यता से ध्यान रखना पड़ेगा कि अगर वह बाहर जाएंगे तो बाहर के वायरस को घर में आने से पूर्व सभी नियमों का पालन करके ही अंदर आए, नहीं तो ऐसे बीमार बच्चों में इसका इंफेक्शन फैलने का खतरा ज्यादा होता है। समस्या होने पर ले सकते हैं ई-परामर्श डॉक्टर संगीता ने बताया कि जिन स्तनपान व गर्भवती महिलाएं को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत व अन्य समस्याएं होती हैं तो वह अस्पताल की ओर से शुरु की गई ई-परामर्श (ई-ओपीडी) पर विशेषज्ञ डॉक्टरों से सलाह ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि ई-परामर्श से हम बाहर जाने से बच जाएंगे और संक्रमित होने का खतरा नहीं होगा। सुविधा के लिए व्हाट्सएप के जरिए मरीज की सारी जांच रिपोर्ट आदि को मंगवा कर परामर्श दिया जाता है। साथ ही जरूरत के अनुसार ओपीडी की नियुक्ति दिया जाता है। यह सुविधा ई—परामर्श पर सुबह 9:30 से दोपहर 2:30 बजे तक 0522-2495604 नम्बर पर बात कर सकते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/हिमांशु/मोहित

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