कोरोना में नए खतरे के रूप में सामने आया ब्लैक फंगस : डॉ धीरेंद्र
- एस्टोरोएड का ज्यादा सेवन हो सकता है म्यूकोमोरियोसिस या ब्लैक फंगस में खतरनाक हमीरपुर, 14 मई (हि.स.)। कोरोना की दूसरी लहर से जहां इस बार वायरस का म्यूटेशन अत्यधिक खतरनाक है साथ ही ये कोविड निमोनिया के रूप में जानलेवा हो चुका है जिससे मौतों का भी आंकड़ा बढ़ गया है। कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच अब म्यूकोमोरियोसिस या ब्लैक फंगस एक नए खतरे के रूप में सामने आया है। लम्बे समय से कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे और नोडल अधिकारी कोविड-19 केजीएमयू एवं नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुर्रमनगर लखनऊ के प्रभारी चिकित्साधिकारी व कोविड विशेषज्ञ डॉ. धीरेंद्र सिंह ने बताया कि ये बीमारी उन मरीजों को ज्यादा प्रभावित कर रही है जिन्हें एस्टरॉयड का ज्यादा समय तक डोज दिया गया है बताया कि एस्टरॉयड तेजी से शुगर लेवल को बढ़ा देता है साथ ही वे मरीज जो लम्बे समय तक आक्सीजन सपोर्ट पर आईसीयू व वेंटिलेटर पर रखे गए हैं। विगत डेढ़ वर्षों से लगातार कोरोना के मरीजों के इलाज में लगे कस्बा राठ निवासी डॉ. धीरेंद्र सिंह बताते हैं कि ब्लैक फंगस खून के जरिये आंख, दिल, गुर्दे, लीवर तक को अपनी चपेट में ले लेता है। इसके मुख्य लक्षण नाक में दर्द, सांस फूलना, आखों में जलन एवं सूजन के साथ-साथ कुछ समय बाद आंखों की रोशनी कम होने लगती है व चेहरा काला पड़ने लगता है। हालांकि ऐसे मरीजों की संख्या अभी कम है लेकिन इस खतरे को नकारा नहीं जा सकता है। बताया कि यदि सावधानी नहीं बरती गई तो भविष्य में इसकी संख्या तेजी से बढ़ सकती है। कोरोना पॉजीटिव मरीजों को इस बात की अत्याधिक सावधानी बरतनी चाहिए कि वे आवश्यकता अनुसार ही एस्टोरोएड का सेवन करें, आईसीयू व वेंटिलेटर से लौटे मरीजों को अगले 60 दिनों से ऊपर दिए गए कोई लक्षण पाए जाते है तो तुरन्त नाक-कान-गला विशेषज्ञ से अवश्य संपर्क करे। हिन्दुस्थान समाचार/ पंकज