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भगत सिंह महान विचारक, चिन्तक और एक महान लेखक भी थे : विजय शंकर

- शहादत दिवस पर अमर शहीदों को कांगेस के नेताओं ने किया नमन वाराणसी, 23 मार्च (हि.स.)। भारतीय स्वतंत्रता समर के महान सेनानी सरदार भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहादत दिवस पर मंगलवार को कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें नमन कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इंगलिशिया लाइन स्थित पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउन्डेशन के सभागार में जुटे कार्यकर्ताओं ने आयोजित विचार गोष्ठी में कहा कि देश की वर्तमान ही नहीं आने वाली पीढ़ियां भी इन महान बलिदानियों के योगदान की हमेशा-हमेशा ॠणी रहेंगी। गोष्ठी में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष विजय शंकर पान्डेय ने कहा कि भगत सिंह जितने महान राष्ट्रभक्त और अमर बलिदानी थे। उतने ही महान विचारक, चिन्तक और एक महान लेखक भी थे। महज 24 साल की छोटी उम्र जीने वाले अनोखी प्रतिभा के धनी इस महान क्रान्तिकारी शहीद ने हिन्दुस्तान ही नहीं दुनिया के तमाम महान लोगों के बीच अपनी ऐसी छाप छोड़ी कि दुनियां आसानी से यकीन नहीं ही कर पाती। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनिल कुमार उपाध्याय ने कहा कि भगत सिंह जैसा क्रान्ति वीर दुनियां भर में कहीं नहीं हुआ। युग के इस अनोखे क्रांतिकारी का मानना था कि आजादी महज बन्दूक की गोली और बमों से हासिल नहीं की जा सकती। जब तक की लोगों की सोच रूपी तलवार में लगी जंग की विचारों की धार नहीं दी जाती। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी के बाद किया। प्रो. उपाध्याय ने कहा कि लाहौर हाई कोर्ट में भगत सिंह ने अपने क्रान्ति से दहकते विचारों के माध्यम से साम्राज्यवादी ताकतों के खिलाफ देश को कुछ इस तरह झकझोर कर जगा दिया कि देश का हर युवा, किसान मजदूर और हर तबका देश की आजादी के लिये क्रान्ति पथ पर अपना सब कुछ अर्पित करने के लिये तत्पर हो गया था। गोष्ठी में बैजनाथ सिंह, पुनीत मिश्रा, शैलेन्द्र सिंह, भूपेन्द्र प्रताप सिंह, विजय कृष्ण राय अन्नू, डाक्टर उमापति उपाध्याय आदि ने भी विचार प्रकट किया। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर

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