Ballia: Inspiration of Satvik life meets Ramkatha: Tridandi Swami
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बलिया : रामकथा से मिलती है सात्विक जीवन की प्रेरणा : त्रिदंडी स्वामी

- गड़हांचल के बघौना में श्री वाल्मीकि कथा सप्ताह का शुभारंभ बलिया, 31 दिसम्बर (हि. स.)। गड़हांचल के बघौना में गंगापुत्र श्रीलक्ष्मीनारायण त्रिदंडी स्वामी ने गुरूवार को श्री वाल्मीकि कथा का शुभारंभ किया। उन्होंने व्यक्ति के आचरण पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि राम कथा के श्रवण से सात्विक जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है। कथा की शुरूआत करते हुए त्रिदंडी स्वामी ने कोरोना को लेकर श्रद्धालुओं को आगाह किया। कहा कि समूचा विश्व इस अदृश्य बीमारी से जूझ रहा है। ऐसे में वेदों-पुराणों में वर्णित जीवन शैली ही इस प्रकार की बीमारियों से मनुष्यों को दूर रखेगी। त्रिदंडी स्वामी ने कहा कि प्रभु श्रीराम की कथा बार-बार सुननी चाहिए। इससे हृदय का विकार बाहर हो जाता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एक बार भोजन और एक बार सांस लेने से काम नहीं चलता। बोले, जिस घर में राम की चर्चा होती है। वहां लक्ष्मी का वास होता है। कहा कि हमेशा अच्छे लोगों की संगत में रहना चाहिए। इससे सामाजिक पतन नहीं होता। त्रिदंडी स्वामी ने कहा कि कभी भी बेकार की बातें नहीं करनी चाहिए। भगवान की चर्चा करने से भगवान वहां वास करते हैं। जहां भगवान का वास होता है, वहां दरिद्रता नहीं आती। इसलिए मनुष्य को हमेशा सदाचरण करना चाहिए। उन्होंने कोरोना जैसी बीमारी से बचने की सलाह दी। कहा कि नियंताओं के द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना भी ईश्वर को पाने की दिशा में बढ़ने वाला कदम है। आह्वान किया कि सरकार जो भी नियम बनाए उसके अनुसार चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि 8 जनवरी तक श्री वाल्मीकि रामायण कथा चलेगी। गांव के लोगों को प्रतिदिन प्रातः स्नान करने और भगवान के भजन की सलाह देते हुए त्रिदंडी स्वामी ने कहा कि सात्विक भोजन भी करें। इससे शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है। जिसकी वर्तमान में अत्यंत आवश्यकता है। हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/दीपक-hindusthansamachar.in

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