auraiya-uproot-hand-pumps-from-fields-if-they-don39t-vote-in-bdc
auraiya-uproot-hand-pumps-from-fields-if-they-don39t-vote-in-bdc

औरैया : बीडीसी में वोट न देने पर खेतों से हैंडपम्प उखाड़वाएं

- किसानों की शिकायत पर पुलिस ने नहीं की कोई कार्यवाही औरैया, 15 मई (हि.स.)। ऐरवा कटरा थाना क्षेत्र के ग्राम उमरैन में राहगीरों की प्यास बुझाने और गर्मी से राहत देने के लिए प्याऊ बैठाने और राहगीरों के रात्रि विश्राम के लिए धर्मशाला निर्माण की परंपरा हिंदुस्तान में आदिकाल से चली आ रही है।हमारे पूर्वज कुएं, बाबड़ी बनवाने तथा प्याऊ बैठाना धर्म का काम समझते थे। लेकिन अब लोगों की मानसिकता बिल्कुल बदल चुकी है और अपनी निजी खुन्नस में लोग हजारों राहगीरों की प्यास बुझाने वाले पनिहास को नष्ट करने से भी नहीं चूक रहे है। ऐसा ही एक मामला उमरैन से सामने आया है जहां बीडीसी का चुनाव हारने पर एक प्रत्याशी ने खेतों पर किसानों की प्यास बुझाने के लिए लगे इंडिया मार्का हैंडपम्प को उखाड़ दिया। हैंडपम्प उखाड़ते हुए किसानों ने दबंगों को रंगे हाथों पकड़ लिया और हैंडपम्प उखाड़े जाने की लिखित शिकायत ऐरवा कटरा पुलिस से की, लेकिन ऐरवा कटरा पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं कि जिससे किसानों में आक्रोश है। ज्ञातव्य हो कि, उमरैन की पूर्व प्रधान का पुत्र अभी हाल में ही सम्पन्न हुए पंचायत चुनाव में उमरैन तृतीय से क्षेत्र पंचायत का चुनाव लड़ा था और चुनाव हार गया। उसके बाबा ने नाती के चुनाव हारने की खुन्नस में मिश्राबाद रोड पर चकरोड किनारे लगे इंडिया मार्का हैंडपम्प को उखड़वा दिया। उमरैन निबासी महाराज सिंह पाल ने बताया, नरेश पाल, अंकित पाल, प्रमोद कुमार, जितेंद्र शर्मा ने बताया कि उमरैन कस्बे से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित खेतों में पीने के पानी का एकमात्र हैंडपम्प था। लेकिन बीडीसी चुनाव हारने की खुन्नस में चकरोड किनारे लगे सरकारी हैंडपम्प को शनिवार दोपहर उखाड़ दिया। इन लोगों को किसानों ने हैंडपम्प उखाड़ते हुए रंगे हाथ पकड़ा तो ये सभी लोग दबंगई पर उतारू हो गए और हम किसानों के साथ गाली गलौच की। हैंडपम्प उखाड़े जाने से किसानों के सामने पीने के पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है। किसानों ने हैंडपम्प उखाड़ने की लिखित शिकायत ऐरवा कटरा थाने में की लेकिन दबंगो के बिरुद्ध पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न करने से दबंगों के हौसले बुलंद है। हिन्दुस्थान समाचार / सुनील

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in