Asha Sangini will now monitor the work of Asha workers through the mobile app
Asha Sangini will now monitor the work of Asha workers through the mobile app

आशा संगिनी अब मोबाइल एप के जरिए रखेंगी आशा कार्यकर्ताओं के कार्यों पर नजर

गाजियाबाद, 29 दिसम्बर (हि.स.)। स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई चूक न हो इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं के कार्यों पर आशा संगिनी मोबाइल एप के जरिए नजर रखेंगी। इसके लिए आशा संगिनियों को बाकायदा ट्रेनिंग दी जा रही है। जिले के सभी स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों (एचईओ) और ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक (बीसीपीएम) को मुरादनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सोमवार और मंगलवार को ट्रेनिंग दी गई। एचईओ और बीसीपीएम आशा संगिनियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। बता दें कि 20 आशा कार्यकर्ताओं के ऊपर एक आशा संगिनी होती है। आशा संगिनी अब हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) चिन्हीकरण, मातृ-मृत्यु रिपोर्टिंग सहित अन्य कार्य मोबाइल एप के माध्यम से करेंगी। जिला कार्यक्रम प्रबंधक अनुराग भारती, अंबरीश कुमार (आरएम-सीपी) और सीआरएस के मास्टर ट्रेनर कार्तिकेय शर्मा ने ट्रेनिंग दी। जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) अनुराग भारती ने बताया कि मोबाइल एप में सबसे पहले आशा कार्यकर्ताओं का पंजीकरण किया जाएगा। उसके बाद आशा संगिनी उन्हें क्रियाशीलता चेकलिस्ट भरना, एचआरपी चिह्नीकरण, मातृ-मृत्यु रिपोर्टिंग और संगिनी सहेली माड्यूल के बारे में भी जानकारी देंगी। मुरादनगर सीएचसी में दो दिन तक चले प्रशिक्षण में सभी ब्लाकों के ब्लाक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक (बीसीपीएम) और स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों (एचईओ) ने भाग लिया। उन्हें बताया गया कि आशा संगिनियों को मोबाइल एप आधारित सहयोगात्मक पर्यवेक्षण एप्लीकेशन पर कैसे प्रशिक्षण देंगे। डीपीएम ने बताया कि मोबाइल पर काम करने से आशा संगिनियों की क्षमता बढ़ेगी। प्रशिक्षण का उद्देश्य आशा संगिनी द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को दिए जाने से वाले सहयोगात्मक पर्यवेक्षण को सुदृढ़ एवं मजबूत करने के लिए एम हेल्थ (मोबाइल हेल्थ) परियोजना शुरू की गई है। इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश, सहयोगी संस्था डेवलपमेंट फाउंडेशन व कैथोलिक रिलीफ सर्विसेज द्वारा किया जा रहा है। इस परियोजना के आने से आशा संगिनी को आशा कार्यकर्ताओं का पर्यवेक्षण करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अर्न्तगत प्रदेश के उच्च प्राथमिकता वाले छह जनपदों बरेली, अयोध्या, कन्नौज, मिर्जापुर, सीतापुर एवं कौशाम्बी में आशा संगिनियों द्वारा आशाओं का मोबाइल आधारित सहयोगात्मक पर्यवेक्षण किये जाने हेतु एक पायलट प्रोजेक्ट प्रारम्भ किया गया था। जिसमें आशा संगिनियों द्वारा पर्यवेक्षण कार्य को प्रभावी बनाने के लिए सीआरएस संस्था के सहयोग से विकसित मोबाइल एप्लीकेशन का प्रयोग किया जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता को देखते हुये इस कार्यक्रम को समस्त जनपदों में लागू करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए आशा संगिनियों के मोबाइल डेटा रिचार्ज पर 200 रूपए प्रतिमाह का भुगतान किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/फरमान/दीपक-hindusthansamachar.in

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