गुरू पूर्णिमा पर आर्य समाज में किया गया हवन-पूजन
गुरू पूर्णिमा पर आर्य समाज में किया गया हवन-पूजन

गुरू पूर्णिमा पर आर्य समाज में किया गया हवन-पूजन

शाहजहांपुर, 05 जुलाई (हि.स.)। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर रविवार को आर्य समाज में हवन पूजन किया गया। आर्य समाज के मंत्री प्रबंध त्रिपाठी ने हवन के उपरान्त गुरु की महिमा का बखान करते हुए कहा कि गुरु हमें भगवान और सृष्टि से मिलाता है। हमें जीवन जीना सिखाता है। गुरु हमारी बंद आंखें खोलता है, ताकि हम अच्छा और बुरा का भेद जान सकें। प्रबंध त्रिपाठी ने कहा कि आषाढ मास के पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। इसी दिन चारों वेद व महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्म हुआ था। वेदों की रचना करने के कारण इन्हें वेद व्यास भी कहा जाता है। वेद व्यास के सम्मान में ही आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन गुरु पूजन का विशेष विधान है। भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान देवताओं से भी ऊपर माना गया है। संत कबीर अपने दोहे गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताया।। के माध्यम से व्यक्ति के जीवन में गुरु के महत्व को दर्शाया है। संत कबीर कहते हैं की गुरु व्यक्ति के जीवन से अंधकार को दूर कर परमात्मा से मिलाता है। ईश्वर की महिमा गुरु के माध्यम से ही जान पाते हैं। अतः गुरु का स्थान देवताओं से भी श्रेयकर है। जीवन में हम जो कुछ भी प्राप्त करते हैं कहीं न कहीं गुरु की कृपा का ही फल है। गुरु का मतलब शिक्षक से नहीं बल्कि गुरु माता-पिता, भाई, दोस्त किसी भी रूप में हो सकते हैं जिनका नाम सुनते ही हृदय में सम्मान का भाव जगता है। सम्मान प्रकट करने के लिए किसी दिन का नहीं बल्कि प्रत्येक दिन गुरु वंदनीय होते हैं।ऐसे में गुरु पूर्णिमा वो खास दिन होता है जहां हम भौतिक एवं मन दोनों ही रूप से गुरु की वंदना, सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि अखंड मंडलाकारं व्याप्तं येन चराचरं, तत्पदंदर्शितं एनं तस्मै श्री गुरुवे नमः अर्थात यह श्रृष्टि अखंड मंडलाकार है। बिंदु से लेकर सारी सृष्टि को चलाने वाली अनंत शक्ति का, जो परमेश्वर तत्व है, वहां तक सहज संबंध है। इस संबंध को जिनके चरणों में बैठ कर समझने की अनुभूति पाने का प्रयास करते हैं, वही गुरु है। जैसे सूर्य के ताप से तपती भूमि को वर्षा से शीतलता और फसल पैदा करने की ताकत मिलती है, वैसे ही गुरु-चरणों में शिष्यों को ज्ञान, शान्ति, भक्ति और योग शक्ति प्राप्त करने की शक्ति मिलती है। आर्य समाज में हवन पूजन में मुख्य रूप से रामनरेश मिश्रा नीरज बाजपेई हर प्रसाद पाण्डेय रामनरेश बाजपेई शरद बाजपेई राजेश शुक्ला रमेश शंकर पाण्डेय श्रवण सक्सेना आदि लोग मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/अमित/दीपक-hindusthansamachar.in

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