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परिवार की खातिर महानगर की सड़कों पर उतर ऑटो चला रही अनीता

- स्मार्ट सिटी की पहली महिला ऑटो चालक हैं अनीता झांसी,09 जून (हि.स.)। वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की नगरी में आज भी ऐसी महिलाएं हैं जो कि इसका नाम गर्व से ऊंचा किए हैं। ऐसी ही महिलाओं में एक नाम अनीता का है जो परिवार की खातिर कई जगह कार्य करने के बाद अब स्वयं का ही काम कर परिवार का भरण पोषण कर रही हैं। उन्होंने एक ऑटो फाईनेन्स कराई और खुद उसे चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रही है। महानगर की सड़कों पर जब पहली महिला ऑटो चालक को ऑटो चलाते देखा तो लोगों को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ। आज महिलाएं पुरुषों से चार कदम आगे हैं। इस कथन को अनीता ने सच कर दिखाया है। नवाबाद के तालपुरा निवासी 36 वर्षीय अनीता चौधरी शादी के कुछ समय के बाद से अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए काम करने घर से बाहर निकली और उसने समाज की परवाह न करते हुए ईमानदारी व लगन से भगवंत पुरा स्थित एक डिस्पोजल फैक्ट्री में करीब 10 वर्षों तक काम किया। इसके बाद 02 वर्ष पाल कॉलोनी में बोरी बनाने वाली फैक्ट्री में काम किया, लेकिन वहां सुपरवाइजर से किसी बात को लेकर कहासुनी होने पर इस साहसी महिला ने ठान लिया कि किसी की कहासुनी से अच्छा है कि क्यों न स्वयं का काम ही किया जाये और अब किसी की नौकरी नहीं करना। इस पर अनीता ने झांसी शहर की सड़कों पर टैक्सी चलाने का फैसला लिया और उसने किसी की परवाह न करते हुए एक सीएनजी टैक्सी फाइनेंस कराई और स्वयं ही उसे चलाना शुरू कर दिया। अनीता ने बताया कि वह अब अपने स्वयं के काम से बहुत खुश है और सुबह 05 से 09 बजे तक शाम को 05 से 08 बजे तक टैक्सी चलाकर 700 से 800 रुपये कमा कर अपने पति व तीन बच्चों का भरण पोषण कर रही है। अनीता ने बताया कि उसकी शादी 1999 में हुई थी और पहले उसके पति फल का ठेला लगाते थे लेकिन कुछ वर्षों से कोई काम नहीं करते हैं इसलिए वह स्वयं कार्य कर अपना परिवार चलाती है। हिन्दुस्थान समाचार/महेश

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