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मंत्री रविन्द्र जायसवाल के बयान से नाराज अधिवक्ताओं ने डीएम पोर्टिकों में प्रदर्शन किया

वाराणसी, 02 जून (हि.स.)। प्रदेश के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रविन्द्र जायसवाल के बयान से नाराज अधिवक्ताओं ने बुधवार को भी डीएम पोर्टिको में प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन में शामिल अधिवक्ताओं ने कहा कि राज्यमंत्री ने अधिवक्ता विरोधी बयान दिया है। अधिवक्ताओं ने बयान वापस लिए जाने की मांग कर साथी अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमा पर भी नाराजगी जताई। उधर, सोशल मीडिया में भी अधिवक्ताओं की गैर मौजूदगी में बैनामा किए जाने के बयान को लेकर अधिवक्ता लगातार राज्यमंत्री पर हमला बोल रहे है। पिछले दो दिनों से निबंधन कार्यालय में तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन करने वाले अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमें को लेकर भी आक्रोश बढ़ रहा है। महानिरीक्षक निबंधन की तहरीर पर कैंट थाने में सौ अधिवक्ताओं के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। इसको लेकर बनारस बार एसोसिएशन के पदाधिकारी भी नाराजगी जता रहे है। राज्यमंत्री ने प्रेस वार्ता कर रखा अपना पक्ष अधिवक्ताओं के निशाने पर आये राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल ने बुधवार को गुलाबबाग स्थित निजी कार्यालय में मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों से रजिस्ट्री प्रक्रिया को लेकर अधिवक्ताओं में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। रजिस्ट्री एवं स्टाम्प एक्ट भारत सरकार के अधीन है और उसमें परिवर्तन भी केंद्र सरकार ही कर सकती है। राज्य सरकार इसमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं कर सकती। राज्य सरकार इसमें कुछ परिनियमावली बना सकती है और इसके क्रम में ही निबंधन की प्रक्रिया में अधिवक्ताओं की उपस्थिति अनिवार्य नहीं है, ये नियम पहले से ही है। राज्यमंत्री ने कहा कि निबंधन के लिए दोनों पक्ष बिना किसी वकील के अकेले जाकर भी अपना निबंधन करवा सकते हैं और रजिस्ट्री भी। साथ ही अधिवक्ता को साथ ले जाकर भी रजिस्ट्री करायी जा सकती है, ये सभी बातें किताबों में भी लिखी हैं। मैंने और न सरकार ने ही ऐसा कोई आदेश दिया है कि रजिस्ट्री कार्यालय में कोई अधिवक्ता अब प्रैक्टिस नहीं कर सकता। मैंने बस इतना ही कहा था कि कोई भी व्यक्ति बिना अधिवक्ता के भी रजिस्ट्री कार्यालय जाकर अपनी रजिस्ट्री करवा सकता है। राज्यमंत्री ने कहा कि कुछ अधिवक्ता विपक्ष के गुमराह करने पर प्रदर्शन कर रहे है। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूर्ण कराने में अधिवक्ताओ का सहयोग पूर्व में भी मिलता आया है और मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आगे भी मिलता रहेगा। अधिवक्ताओं से सकारात्मक सहयोग की अपेक्षा है। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर

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