एडीएम का छलका दर्द: कोई हाल नहीं पूछता, फोन नहीं उठाते सीएमओ
रायबरेली, 24 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना के इस दौर में आदमी कितना बेबस हो जाता है। पद प्रतिष्ठा कोई मायने नहींं रखते। कल तक जो सलाम ठोकते रहे आज वही मुंह मोड़ें हैं । यह दर्द है रायबरेली के अपर जिला अधिकारी (वित्त) का। जिनकी लिखी एक चिट्ठी में व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए हालत बयां की गई है। यह हाल जब जिले के वरिष्ठ अधिकारी का है तो आम लोगों की क्या बिसात। दरअसल अपर जिलाधिकारी (वित्त) प्रेम प्रकाश उपाध्याय ने अपना एक पत्र सूचना विभाग के ग्रुप में शनिवार को साझा किया जिसमें व्यवस्था की नाकामी पर कई सवाल हैं। सोशल मीडिया पर भी यह पत्र खूब वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने खुद और परिवार के अन्य लोगों के बीमार होने की जानकारी दी है और कहा कि इस विषय में कई बार कहने के बावजूद सीएमओ ने आरटीपीसीआर टेस्ट नहींं करवाया। बड़ी मुश्किल से 20 अप्रैल को उन्होंने इसके लिए नायाब तहसीलदार से कहा तो जांच हो सकी जिसकी रिपोर्ट 96 घंटे बाद भी नहींं मिल सकी है। पत्र में वह लिखते हैं कि उनका ओ2 लेवल 83 रह गया है लेकिन कोई मेडिकल हेल्प नहींं मिल रही है। सीएमओ उनका फोन तक नहीं उठाते। उन्हें न तो कोई चिकित्सीय सलाह मिल सकी है और न ही कोई हाल चाल पूछने वाला है। एडीएम के इस पत्र के वायरल हो जाने से प्रशासनिक हल्के में हड़कंप मचा हुआ है। साथ ही संवेदनहींनता भी। वहीं सीएमओ अपनी कार्यशैली को छोड़ने को तैयार नहीं है। लोगों में यह चर्चा आम है कि यदि इतने वरिष्ठ अधिकारी का यह हाल है तो आम आदमी के साथ क्या होगा। हालांकि यह जानकारी में आया है कि किरकिरी होने पर स्वास्थ्य विभाग की एक टीम एडीएम के घर पहुंची और उनका सैम्पल लिया गया। इस बीच उनकी कोविड नेगेटिव रिपोर्ट भी सामने आ गई। स्वास्थ्य टीम ने उन्हें आवश्यक दवाएं आदि उपलब्ध कराते हुए चिकित्सीय सलाह दी है। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीश पांडेय