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श्रीमद्भागवत कथा सुनने से जीवन के लक्ष्य की प्राप्ति : युवराज नंदन

जौनपुर, 20 मार्च (हि.स.)। मुंगराबादशाहपुर के शक्ति नगर इटहरा में शनिवार से शुरू हुए सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिन वृंदावन धाम से आए राष्ट्रीय कथावाचक पं युवराज नंदन जी महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा कि इसके कथा के श्रवण मात्र से सारे क्लेश दूर हो जाते हैं। मानव जीवन में आत्मशांति का बोध होता है। इसे सुनने से पापी से पापी व्यक्ति भी पाप से मुक्त हो जाता है। उसे अपने जीवन के लक्ष्य की प्राप्ति होती है। उन्होंने श्रीमद्भागवत कथा का महात्म्य बताते हुए कहा कि वेदों का सार युगों-युगों से मानव जाति तक पहुंचता रहा है। ’भागवत महापुराण’ यह उसी सनातन ज्ञान की पयस्विनी है जो वेदों से प्रवाहित होती चली आ रही है। इसीलिए भागवत महापुराण को वेदों का सार कहा गया है। यह एक ऐसी अमृत कथा है जो देवताओं के लिए भी दुर्लभ है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसी कई गाथाएं, कथाएं हम अनेकों व्रत व त्योहारों पर भी श्रवण करते हैं, लेकिन कथा का श्रवण करने या पढ़ने मात्र से कल्याण नहीं होता। जब तक इनसे प्राप्त होने वाली शिक्षा को हम अपने जीवन में चरितार्थ नहीं कर लेते, तब तक कल्याण सम्भव नहीं। इसी बीच बदलापुर से आए प्रकाश मिश्रा व प्रतापगढ़ से आए आचार्य पं तीर्थराज पांडेय ने भी कथा के मर्मस्पर्शी महत्व पर अपना विचार प्रकट किया। कथा के आयोजक पं कृपाशंकर तिवारी व धर्माचार्य उमाशंकर तिवारी व समस्त तिवारी परिवार सहित भारी संख्या में भक्त जन मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/विश्व प्रकाश/विद्या कान्त

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