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'उप्र के निजी अस्पतालों में भर्ती के लिए अब मरीजों को रेफरल पत्र की जरुरत नहीं'

लखनऊ, 22 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना संक्रमित मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने यह निर्णय किया है कि अब मुख्य चिकित्साधिकारी और रेफरल पत्र की जरुरत नहीं है। तीमारदार अब सीधे अपने मरीज को निजी कोविड अस्पतालों में भर्ती करा सकते हैं लेकिन सरकारी, अनुबंधित अस्पतालों में रेफरल लागू रहेगा। यह जानकारी गुरुवार की शाम अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने दी। उन्होंने बताया कि निजी कोविड अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीज अपनी रिपोर्ट आधार पर भर्ती हो सकेंग। इसके लिए अब उन्हें सीएमओ का रेफरल पत्र नहीं दिखाना होगा। निजी अस्पताल मात्र दस 10 प्रतिशत (श्रेणीवार) बेड्स आरक्षित रखेंगे। जिन पर इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर के माध्यम से भर्ती करवाया जा सकेगा। निजी अस्पतालों में भर्ती करने के बाद इसकी जानकारी फौरन प्रदेश सरकार के पोर्टल पर अंकित की जाये। उन्होंने यह भी कहा कि निजी अस्पताल प्रबंधन प्रतिदिन सुबह आठ बजे से दोपहर चार बजे तक खाली बेड की संख्या श्रेणीवार (आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू और एचडीयू) अस्पताल के बाहर जनसमान्य के लिए विज्ञापित करने के साथ इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर के पोर्टल पर भी अवगत कराया जायेगा। आगे यह कहा कि सबसे खास बात यह है कि सरकार की ओर से जारी दरां पर ही तीमारदारों फीस वसूल की जायेगी। अगर कोई भी अस्पताल इसका उल्लंघन करते हुए पाया गया तो महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी। इसके अलावा अस्पतालों में कोविड पोटोकाल का सख्ती से पालन कराया जायेगा। समय समय पर कोविड अस्पतालों की सूची और उनके उपलब्ध बेड, अस्पताल का पता,ं नोडल अधिकारी का विवरण और निजी कोविड अस्पतालों के लिए निर्धारित की गई दर्रे मीडिया के माध्यम से लोगों को बतायी जाये। जनपद की वेबासाइट पर भी इसकी सूचना उपलब्ध करायी जाये। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में जने वाले मरीज अपनी व्यवस्था से अस्पताल जाने के लिए स्वतंत्र रहेंगे। अगर कोई मरीज एम्बुलेंस की मांग करता है तो संबंधित निजी अस्पताल के भर्ती करने के पत्र के आधार पर एम्बुलेंस तत्काल उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिए एक व्हाटसअप नम्बर भी रखा जायेगा। निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर औचक निरीक्षण भी किया जायेगा। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सालय, राजकीय मेडिकल कॉलेजों में कोविड मरीजों की भर्ती की प्रक्रिया इंटीगेटड कोविड कमांड सेंटर के माध्यम से की जायेगी। 70 प्रतिशत बेड कोविड कमांडर सेंटर के माध्यम से आवंटित किए जायेंगे। वहीं, 30 प्रतिशत बेड की सुविधा अस्पताल प्रबंधन स्वयं करेंगे। इंटीगेटड कोविड कमांड सेंटर के जरिए जिला प्रशासन की ओर से जारी किए गए एडमिशन स्लिपको संबंधित अस्पताल के लिए मानना बाध्यकारी होगा। इसका उल्लंघन करते हुए पाये जाने पर महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई अमल में लायी जायेगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग रोटेशन एक अधिकारी तैनात किया जायेगा, जो समस्त मेडिकल कॉलेजों से समन्वय स्थापित किया जायेगा। उन्होंने यह भी बताया कि जो मरीज निःशुल्क चिकित्सा का अनुरोध किया गया तो उनकी अस्पताल में भर्ती कार्रवाई कमांड सेंटर के माध्यम से की जायेगी। राजकीय अस्पतालों, सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों के लिए जिला प्रशासन एक नोडल अधिकारियों की तैनाती की जायेगी। हिन्दुस्थान समाचार/दीपक

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