वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से सुनवाई व्यवस्था ध्वस्त, वकीलों ने किया कार्य बहिष्कार
27 जुलाई से पुरानी व्यवस्था बहाल प्रयागराज, 23 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन की पूरी तरह से वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से ही मुकदमों की सुनवाई करने की व्यवस्था तकनीकी अड़चनों व अव्यवस्था के चलते ध्वस्त हो गयी। बृहस्पतिवार को भारी संख्या में अधिवक्ताओं ने विरोध करते हुए कार्य बहिष्कार कर दिया। वकीलों के विरोध के चलते मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने खुली अदालत के साथ साथ वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से सुनवाई की पुरानी व्यवस्था को जारी रखने फैसला लिया है। जिसकी तैयारी में 24 जुलाई को न्यायिक कार्य नहीं होगा। केवल अति आवश्यक मामले मुख्य न्यायाधीश की अदालत में सुने जायेगे। शेष अदालतें नहीं बैठेगी। परिसर का सेनेटाइजेशन किया जायेगा। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेन्द्र नाथ सिंह व महासचिव प्रभा शंकर मिश्र ने बुधवार को मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर विडियो कांफ्रेंसिंग की दुर्व्यवस्था से नाराजगी व्यक्त करते हुए खुली अदालत में सुनवाई की व्यवस्था बहाल करने की मांग की थी। बृहस्पतिवार को व्याप्त गंदगी व अव्यवस्था एवं तकनीकी खामियों के कारण विरोध शुरू हो गया। बार-बार बहस के दौरान लिंक टूट जाने और भीड़ के शोर शराबे से परेशान वकीलों ने नारेबाजी करते हुए कार्य बहिष्कार कर दिया। महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश ने शुक्रवार को अदालत बंद रखने व 27 जुलाई से खुली अदालत में बहस की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति दी है। जिसका अधिवक्ताओं ने स्वागत किया है। एक बडे हाल मे 16 केबिन बनाये गये हैं। हर केबिन मे एक कंप्यूटर व एक इयर फोन के जरिए आनलाइन बहस की व्यवस्था की गयी थी। किन्तु बार-बार लिंक टूटने और वकील की भीड़ के शोर तथा एक केबिन मे एक ही इयर फोन होने से विरोधी पक्ष बहस से अनभिज्ञ रह जाता था। एक ही इयर फोन का हर वकील के इस्तेमाल से कोरोना संकट बढ़ने की आशंका और सही तरीके से बहस न हो पाने से वकीलों को विरोध के लिए मजबूर कर दिया। और वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से सुनवाई की व्यवस्था विफल हो गयी। वहां न तो वकीलों की बैठने की व्यवस्था थी और न ही ऐसा कोई सिस्टम बना था जिस पर वकील फाइल को पढ़ कर बहस कर सके। बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुख्य न्यायाधीश को समस्या से अवगत कराया और वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के साथ खुली अदालत में सुनवाई को बेहतर सुरक्षित प्रक्रिया के तहत सुनवाई की मांग की। मुख्य न्यायाधीश ने बार के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। अब सोसल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए खुली अदालत में 27 जुलाई से सुनवाई की जायेगी। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/दीपक-hindusthansamachar.in