किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री लाए हैं क्रांतिकारी कृषि विधेयक : गौरी शंकर
किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री लाए हैं क्रांतिकारी कृषि विधेयक : गौरी शंकर

किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री लाए हैं क्रांतिकारी कृषि विधेयक : गौरी शंकर

- एक सप्ताह में रबी सीजन के लिए एमएसपी अगले सप्ताह घोषित की जाएगी जालौन, 03 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर देश के किसानों की आय बढ़ाने के लिए उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए संसद में क्रांतिकारी कृषि विधेयक लाए हैं। किसानों के हित में इस विधेयक के दूरगामी परिणाम होंगे। सदर विधायक गौरी शंकर वर्मा कृषि विधेयक से संबंधित विरोधी दलों के कुप्रचार के खिलाफ किसानों को विधेयक के मामले में सही जानकारी देने के लिए आज अपने आवास में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। विधायक ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने, किसानों की आय बढ़ाने एवं उनके जीवन स्तर में बदलाव लाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर भारत सरकार कृषि मंत्रालय और कृषि विज्ञानी इस मिशन में जुटे हुए हैं। इसीलिए किसानों के हित में यह विधेयक लाया गया है। एक सवाल के जवाब में श्री वर्मा ने कहा कि विरोधी दल इस बिल में किसानों की भलाई नहीं कर रहे हैं, बल्कि बिचैलियों को जो किसानों का शोषण करते थे, उनकी पक्षधरता कर रहे हैं। उन्होंने कहा इसीलिए आप देख लीजिए कि विरोधी दलों के साथ किसान नहीं है बल्कि बिचैलिए ज्यादा दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एक लाख करोड़ का कृषि अवसंरचना फंड की स्थापना की है या फिर देश में दस हजार कृषक उत्पादक समूह (एफ टी ओ) की स्थापना का निर्णय हो सरकार का प्रत्येक कदम किसानों को उनकी उपज का उचित लाभ दिलाने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि विरोधी दल यह भ्रम फैला रहे हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी) खत्म हो जाएंगे, जो सफेद झूठ हैं। केंद्र सरकार रवि फसलों की एमएसपी आगामी सप्ताह में घोषित करने जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि एमएसपी पर खरीद जारी रहेगी इन विधेयकों में सिर्फ और सिर्फ किसानों के हितों का संरक्षण किया गया है। नए प्रावधानों में किसान को उपज बेचने के सिर्फ 3 दिनों के भीतर भुगतान की व्यवस्था की गई है। किसान की भूमि के स्वामित्व का शत-प्रतिशत संरक्षण किया गया है। कृषि उत्पादों पर शून्य टेक्स होने से किसानों को ज्यादा लाभ मिलेगा। किसान अपनी उपज को ई टेंडरिंग के माध्यम से संपूर्ण देश तथा विदेश में भी बेच सकेगा, जहां उसको लाभ हो मंडियों के अतिरिक्त किसानों को व्यापार क्षेत्र में फार्म गेट, कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस, प्रसंस्करण यूनिटों पर भी व्यापार की स्वतंत्रता रहेगी। श्री वर्मा ने कहा किसानों के साथ प्रोसेसर्स, निर्यात को, संगठित रिटेल रो, का सीधा एकीकरण होगा ताकि किसान बिचैलियों से बच सकें। इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म पर कृषि उत्पादों का व्यापार बढ़ेगा। पारदर्शिता के साथ समय की बचत होगी। किसानों के हित में मंडी समिति के अधिनियम में संशोधन किया गया है ताकि कृषि उपज निर्यात एवं अंतर राज्य व्यापार पर लगे प्रतिबंध समाप्त हो। एक सवाल के जवाब में श्री वर्मा ने जोर देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इन कानूनों के बाद अनाजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य की नीति जारी रहेगी। उन्होंने कहा एमएसपी की दरों में वर्ष 2014 से वर्ष 2020 के बीच जो बढ़ोतरी की गई है वह किसान हित में रवि सीजन के लिए भी एमएसपी की घोषणा अगले सप्ताह की जाएगी। इन विधेयकों में किसान की संपूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। नए किसान बिल में कोई भी किसान अपनी फसल मंडी के बाहर भी व्यापारी के पास बेच सकता है। किसान ई टेंडरिंग के माध्यम से अपनी फसल को देश एवं विदेश के किसी भी हिस्से में भेज सकता है। किसानों को किसी भी प्रकार का कोई टैक्स नहीं देना होगा। नए किसान कृषि विधेयक के अनुसार किसानों को ई ट्रेडिंग मंच प्रदान किया जाएगा, जिसके माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक निर्बाध व्यापार सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि विरोधी दल किसानों के हितेषी नहीं हैं। वह बिचैलियों की जो किसानों का बरसों से शोषण करते आए हैं, उनका समर्थन कर रहे हैं और वह बिचैलियों के हित में खड़े हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशों के तहत उन्होंने किसानों को इस विधेयक के संदर्भ में विरोधी दलों द्वारा जो विधेयक को लेकर जो गलतफहमियां पैदा की जा रही हैं उसे बताने के लिए वह गांव गांव में किसानों की चौपाल आयोजित कर किसानों के मन में इस विधेयक को लेकर जो भ्रम है और विरोधी दलों ने जो संकाय पैदा की हैं उन्हें किसानों से बातचीत करके उनके मन की शंकाओं को वह दूर करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल-hindusthansamachar.in

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