अतिक्रमण के नाम पर मंदिर मजार नहीं तोड़ने दिए जायेंगे : भानु सहाय

बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानु सहाय ने कहा कि अतिक्रमण के नाम पर मंदिर और मजारों को तोड़ने की इजाजत नहीं है।
bhanu sahay
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झांसी, एजेंसी। महारानी लक्ष्मीबाई के समय में बने ऐतिहासिक लक्ष्मीतालाब में भरे जहरीले पानी (डेड जीवी वाटर) को निकाले जाने, ताल के सुंदरीकरण कराए जाने एवं ताल की भूमि की नपाई किये जाने के लिए आंदोलन लंबे समय से किया जा रहा था। किसी भी कीमत पर मंदिर और मजारों को अतिक्रमण के नाम पर ध्वस्त नहीं करने दिए जाएंगे। यह लड़ाई हम सब मिलकर लड़ेंगे। यह बात पत्रकारों से चर्चा करते हुए बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानु सहाय और राष्ट्र भक्त संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष अंचल अड़जरिया ने संयुक्त रूप से कही।

 54 करोड़ रुपये ताल के विकास के लिए दिए गए

उन्होंने बताया कि ताल की नपाई का कार्य तत्कालीन जिला अधिकारी अनुराग यादव ने तत्कालीन एसडीएम भगवानदीन प्रशासनिक अमले के साथ करवाई। उस समय ताल में पानी भरे होने के कारण पूरी नाप नहीं हो पाई थी, लेकिन 72 एकड़ के ऊपर भूमि सुरक्षित कर ली गई थी। प्रदीप जैन आदित्य के केंद्रीय मंत्री रहते लक्ष्मी तालाब के विकास कार्य के लिए 72 करोड़ की धनराशि पर्यटन मंत्रालय भारत साकार से स्वीकृत हुई पर आवंटित नहीं हो सकी। उसके बाद उमा भारती के केंद्रीय मंत्री रहते हुए 54 करोड़ रुपये ताल के विकास के लिए आवंटित हो गए। उस समय कार्यदायी जल निगम निर्माणशाखा ने ताल की नपवाई किये बिना ही निर्माण कार्य प्रारंभ कर भ्रष्टाचार प्रारंभ कर दिया।

कार्यदायी संस्था को स्मार्ट सिटी बनाया गया

कार्यदायी संस्था स्मार्ट सिटी बना दी गई, जिसने निर्माण कार्य को तो आगे बढ़ाया पर भूमि की नपाई नही की गई। इस बीच नरेंद्र कुशवाहा ने लक्ष्मी ताल के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया, जिसमें हजारों लोगों हस्ताक्षर किए। तदोपरांत नरेंद्र कुशवाहा ने एनजीटी में वाद दाखिल किया, जिसमें गिरजा शंकर राय, अधिवक्ता बी.एल. भास्कर एवं प्रदीप कुमार नामदेव के हस्ताक्षर लक्ष्मी तालाब का नाम लेकर बिना वाद पढ़ाये विश्वास में हस्ताक्षर करवा लिए। गिरजा शंकर राय, बी.एल.भास्कर एवं प्रदीप नामदेव को तब मालूम हुआ जब झांसी विकास प्राधिकरण ने नोटिस जारी के सैकड़ों मकानों को तोड़े जाने एवं नगर निगम द्वारा मंदिर व मजार को तोड़े जाने के नोटिस दिए जाने लगे।

एनजीटी को भेजी गई रिपोर्ट

मण्डल आयुक्त, जिला अधिकारी को गिरजा शंकर राय, बी.एल.भास्कर एवं प्रदीप नामदेव ने अनेक पत्र दिए कि इन लोगो से तथ्य छुपाकर नरेंद्र कुशवाहा ने व्यक्तिगत स्वार्थ को लेकर लक्ष्मीतालाब के साथ झांसी महानगर योजना 2001- 2021के गुमनावरा से पिछोर तक लगभग पौने दो सौ हेक्टेयर भूमि पर नगर पार्क का प्रस्ताव किया उक्त प्रस्तावित भूमि में नरेंद्र कुशवाहा की व्यक्तिगत भूमि भी है जिसे बचाना चाहते हैं। इस बीच लक्ष्मी तालाब की पहली नपाई झांसी विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम ने करवा कर रिपोर्ट एनजीटी को भेजी उसमें कोई अतिक्रमण नही बताया गया। दूसरी नाप जिलाधिकारी ने करवाकर एनजीटी को भेजी जिसमे सिर्फ 2 छोटे अति प्राचीन मन्दिर एवं 2 छोटे मकान होने का जिक्र किया गया। तीसरी रिपोर्ट मंडल आयुक्त ने पुनः नपाई कराकर भेजी जिसमे लक्ष्मीताल की भूमि में 7 मंदिर एवं एक मज़ार का जिक्र किया गया।सरकारी अमले ने एक भूमि की तीन बार नाप की ओर तीनो बार अलग अलग रिपोर्ट एनजीटी को दी न्यायालय एवं जन सामान्य को संदेह होने लगा कि आखिर किन प्रभावशाली लोगो की भूमि बचाने के लिए अलग अलग रिपोर्ट दी जा रही है। जहां तक बात नगर पार्क की की जाए तो महायोजना 2001-2021 में मात्र पार्क का प्रस्ताव किया है एक इंच भूमि का अधिग्रहण नही किया है फिर भी निजी काश्तकारों की भूमि पर बने मकानों को गिराए जाने के लिए नोटिस भेज दिए गए है जो औचित्यहीन है। झांसी विकास प्राधिकरण की रिपोर्ट जो एनजीटी को भेजी गई है उसमें लिखा गया है कि प्रस्तावित पार्क की भूमि में एक तिहाई भूमि कास्तकारों की है एवं एक चौथाई सरकारी है जो छोटे छोटे भाग में बटी है, जिस कारण पार्क का निर्माण नही किया जा सकता।

 एनजीटी में विभागों द्वारा भेजे गए नोटिस

एनजीटी में विभागों द्वारा भेजे गए नोटिस को दिखा कर दबाव बनाया गया कि विभाग कोई ठोस कार्यवाही नही कर रहे है जिस कारण एनजीटी सख्त निर्णय लेने लगी फलस्वरूप सरकारी अमला भी क्षेत्र में मंदिर, मज़ार एवं सेकड़ो मकान तोड़े जाने का प्रयास करने लगा। उक्त समस्या का संज्ञान लेते हुए याचकर्ता गिरजा शंकर राय, बी एल भास्कर अधिवक्ता, प्रदीप कुमार नामदेव, हिन्दू पक्ष एवं मुस्लिम पक्ष आदि में एकराय करके समंजस बनाते हुए मंदिर व मजार सैकड़ों मकानों तो तोड़े जाने का विरोध कर सामूहिक रूप से लड़ाई लड़ी जाएगी। बुन्देलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय के समझाने पर वाद कर्ता गिरजा शंकर राय, बी.एल.भास्कर. एवं प्रदीप नामदेव ने एनजीटी से ई - मेल एवं रजिस्ट्री के माध्यम से आग्रह किया है कि लक्ष्मीताल एवं महायोजना 2021 जिसका समय भी खत्म हो चुका है द्वारा प्रस्तावित नगर पार्क का आपस मे कोई लेना देना नही है। मज़ार तोड़े जाने से बचाये जाने के लिये मुस्लिम पक्ष ने व सेकड़ो मकान तोड़े जाने से बचाये जाने के लिए भी एनजीटी में प्रार्थना पत्र ई - मेल एवं रजिस्ट्री से भेज दिया है।

 भानु सहाय ने की दोनों पक्षों से बातचीत

वाद को सुलझाने का प्रयास करते हुए भानु सहाय अध्यक्ष बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा द्वारा दोनों पक्षों से वार्ता कर झांसी की हिन्दू मुस्लिम एकता सौहार्द बनाए रखने एवं प्राचीन मंदिर मजार को बचाने की सहमति बनाई गई। इस दौरान गिरजा शंकर राय, बी.एल. भास्कर, प्रदीप नामदेव के साथ हिन्दू समाज की ओर से राष्ट्र भक्त संगठन के अध्यक्ष अंचल अरजरिया, सुदीप महाराज, राहुल राजपूत, मुस्लिम समाज की ओर से सूफी, कलाम कुरेशी उपस्थित रहे।

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