चेन्नई (तमिलनाडु), (हि.स.)। मद्रास हाई कोर्ट में भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की तरफ से शुक्रवार को कहा गया कि तीसरी पीढ़ी की एम-3 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने का तकनीकी आधार नहीं है। 25 जून को मामले की अगली सुनवाई होगी।
ईसीआई के वकील ने याचिका में उठाए गए मुद्दों का जवाब देते हुए दलील पेश की
ईसीआई के वकील निरंजन राजगोपालन ने शुक्रवार को मद्रास हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसवी गंगापुरवाला की अध्यक्षता वाली पहली पीठ के समक्ष द्रमुक के सचिव आरएस भारती द्वारा दायर रिट याचिका में उठाए गए मुद्दों का जवाब देते हुए दलील पेश की। राजगोपालन ने कहा, अगर याचिकाकर्ता पक्ष कोई आशंका जता रहा है तो जरूर कोई तकनीकी आधार होगा या कोई पुराना अनुभव होगा जिससे पता चलता कि हेरफेर हुआ है। उन्होंने कहा कि हेरफेर का न तो कोई तकनीकी आधार है और न ही कोई अनुभव। एम3 ईवीएम पहली बार 2013 में पेश किए गए थे और तब से इन मशीनों का उपयोग करके कई चुनाव आयोजित किए गए थे। उन्होंने कहा कि जब 2021 विधानसभा चुनाव इन मशीनों का उपयोग करके आयोजित किए गए थे तो द्रमुक को कोई शिकायत नहीं थी।
याचिका पर बाद में होगी सुनवाई
ईवीएम की विश्वसनीयता और वीवीपैट के सवाल पर उन्होंने कहा,“तमिलनाडु में 2021 विधानसभा चुनाव उन्हीं ईवीएम का उपयोग करके हुए और याचिकाकर्ता राजनीतिक दल ने चुनाव जीता था। उनका किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में कोई विवाद नहीं था।"
ईवीएम से संबंधित अतीत में अदालती मामलों की ओर इशारा करते हुए वकील ने कहा कि अगर याचिका पर विचार किया गया तो इससे जनता में 'गलत संदेश' जाएगा और उनके मन में संदेह पैदा होगा।
अदालत ने सुनवाई स्थगित कर दी और कहा कि याचिकाकर्ता मौजूदा चुनाव के लिए कोई राहत नहीं मांग रहा है, बल्कि यह भविष्य के चुनावों के लिए है। याचिका पर बाद में सुनवाई होगी। अदालत ने 25 जून तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी।
DMK ने ईवीएम को लेकर मद्रास हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की
दरअसल, तमिलनाडु की सत्ताधारी द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) ने ईवीएम को लेकर मंगलवार को मद्रास हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की। डीएमके इससे पहले फरवरी में ईवीएम के मुद्दे पर चुनाव आयोग (ईसीआई) जा चुका है। तब पार्टी की ओर से कहा गया था कि चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव तब तक न कराए, जब तक कि उसकी ओर से चिह्नित कुछ उल्लंघन का हल नहीं कर दिया जाता है। आम चुनाव में पेपर बैलट व्यवस्था का इस्तेमाल होना चाहिए।
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