Sikkim Flood: सिक्किम में बाढ़, 56 की मौत, 3 हजार पर्यटक फंसे; CM तमांग ने लिया प्रभावित गांवों का जायजा

Sikkim Flood: पूर्वोत्तर के सबसे खूबसूरत राज्य सिक्किम प्राकृतिक आपदा की मार से बेहाल है। मंगलवार की मध्य रात्रि बादल फटने के बाद इलाके में भीषण सैलाब से शुरू हुआ तबाही का सिलसिला शुरु हुआ था।
Sikkim Flood
Sikkim Flood

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। पूर्वोत्तर के सबसे खूबसूरत राज्य सिक्किम प्राकृतिक आपदा की मार से बेहाल है। मंगलवार की मध्य रात्रि बादल फटने के बाद इलाके में भीषण सैलाब से शुरू हुआ तबाही का सिलसिला शुरु हुआ था। अचानक आई इस बाढ़ ने अपने पीछे तबाही के ऐसे निशान छोड़े है, जिनका अनुमान लगाना भी मुश्किल हो रहा है। चार दिन बाद भी कीचड़ और मलबे में शव मिलने का सिलसिला बना हुआ है। सिक्किम बाढ़ में अब तक 56 शव बरामद किए गए हैं। इनमें पश्चिम बंगाल में तीस्ता नदी के बेसिन से 30 से ज्यादा शव बरामद हुए हैं। सेना के 22 जवान लापता हुए थे, इनमें 7 के शव बरामद कर लिए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री से बातचीत कर हरसंभव मदद का भरोसा दिया। इसके साथ राज्य के मुख्यमंत्री लगातार प्रभावित लोगों के पास जा रहें है और उनसे बातचीत कर रहें है।

3 हजार पर्यटक भी फंसे

राज्य में चार दिन से 3 हजार पर्यटक भी फंसे हैं। लेकिन हवाई रेस्क्यू ऑपरेशन में खराब मौसम एक बड़ा अड़ंगा बना हुआ है। शुक्रवार को वायुसेना ने एमआई-17 हेलिकॉप्टर्स से ऑपरेशन चलाने के कई प्रयास किए। पश्चिम बंगाल सरकार के मुताबिक, तीन जिले सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी और कूचबिहार से तीस्ता नदी के बेसिन से शव बरामद किए गए हैं। सिक्किम सरकार के मुताबिक, मंगन से चार शव और गंगटोक से छह शव और पाकयोंग जिले से भारतीय सेना के जवानों के सात शवों समेत 16 बॉडी बरामद की गई हैं। सिक्किम सरकार के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अब तक 142 लोग लापता हैं और 25,000 से ज्यादा लोग इस आपदा से प्रभावित हुए हैं।

बाढ़ से घर, जमीन और सड़कें जमींदोज

मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने आज (शनिवार) सुबह उत्तरी सिक्किम के मंगन निर्वाचन क्षेत्र के टुंग, नागा और रिल गांव का दौरा किया। दक्षिण लोनाक झील के फटने से तीस्ता नदी में आई बाढ़ से इन गांवों में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। यहां बाढ़ से लोगों के घर, कृषियोग्य जमीन और सड़कें जमींदोज हो गई हैं। इन गांवों की स्थिति भयावह है। अधिकांश लोग विस्थापित हो गए हैं। फिलहाल इस जगह पर गांव को दोबारा बसाने की स्थिति नहीं है। ग्रामीणों ने राहत शिविरों में शरण ली है।

मुख्यमंत्री ने की प्रभावित लोगों से बातचीत

मुख्यमंत्री तमांग ने प्रभावित लोगों से बातचीत की और आश्वासन दिया कि सरकार हर तरह से उनके साथ है। उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत में सहयोग के लिए केंद्र सरकार का आभार जताया। तमांग ने कहा कि इस आपदा से निपटने में केंद्र सरकार से काफी सहयोग मिल रहा है। जल प्रलय में सिक्किम को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए समिति गठित

उन्होंने कहा कि उत्तरी सिक्किम के चुंगथांग, लाचेन और लाचुंग के साथ अभी तक संपर्क स्थापित नहीं हो पाया है। इसके कारण यह स्पष्ट नहीं है कि वहां कितना नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि फिलहाल सरकार की प्राथमिकता उत्तरी सिक्किम से संपर्क स्थापित करना है। तीस्ता नदी की बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद ही नुकसान के बारे में स्पष्ट रूप से बताया जा सकेगा।

अन्य खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in

Related Stories

No stories found.