सरकारी स्कूलों में तृतीय भाषा के रूप में पढ़ाई जाती रहेगी उर्दू
सरकारी स्कूलों में तृतीय भाषा के रूप में पढ़ाई जाती रहेगी उर्दू

सरकारी स्कूलों में तृतीय भाषा के रूप में पढ़ाई जाती रहेगी उर्दू

जयपुर, 14 नवम्बर (हि. स.)। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद शिक्षा विभाग की ओर से उर्दू भाषा नहीं पढ़ाने का आदेश वापस ले लिया गया है। अल्पसंख्यक जनप्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर उर्दू भाषा को लेकर आ रही समस्याओं की जानकारी दी थी। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद शिक्षा विभाग ने अपने आदेश वापस ले लिए हैं। शिक्षा विभाग की ओर से आदेश वापस लेने की जानकारी शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्विटर पर दी है। विधायक रफीक खान, अमीन कागजी, फतेहपुर से विधायक हाकम अली और मुस्लिम वक्फ बोर्ड के चेयरमैन खानू खान बुधवाली ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर उन्हें बताया था कि पिछले दिनों उर्दू भाषा को स्कूलों में नहीं पढ़ाने का आदेश जारी हुआ है। इस कारण अल्पसंख्यक समुदाय में खासा रोष है। मुस्लिम जनप्रतिनिधियो ने मांग की कि मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक समुदाय की मांगों की ओर तवज्जों दें। उनकी उर्दू से जुड़ी समस्याएं सुनकर मुख्यमंत्री गहलोत ने आश्वासन दिया था कि शिक्षा विभाग की ओर से उर्दू भाषा को लेकर 2 सितंबर और 5 सितंबर को जारी किया गया आदेश वापस ले लिया जाएगा। मुस्लिम जनप्रतिनिधियों के वापस लौटने के तुरंत बाद ही शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी किया, जिसमें 2 और 5 सितंबर को उर्दू भाषा को लेकर दिए गए आदेश वापस ले लिए गए। विधायक मुकेश भाकर समेत अन्य मुस्लिम विधायकों की ओर से इस संबंध में लगातार मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखे गए थे। शिक्षा विभाग की ओर से आदेश वापस लेने की जानकारी शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्विटर के जरिए दी। शिक्षा विभाग की ओर से 2 और 5 सितंबर को आदेश जारी कर प्रदेश की स्कूलों में कक्षा 6 से 8 तक तृतीय भाषा के रूप में केवल संस्कृत को पढ़ाने के लिए ही कहा गया था। इसके अलावा उर्दू, पंजाबी और सिंधी भाषा को तृतीय भाषा के रूप में खत्म कर दिया गया था। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित-hindusthansamachar.in

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