सरकारी अस्पतालों में घटे मरीज, अब तक 2.95 लाख की दवा हो गई एक्सपायर्ड
सरकारी अस्पतालों में घटे मरीज, अब तक 2.95 लाख की दवा हो गई एक्सपायर्ड

सरकारी अस्पतालों में घटे मरीज, अब तक 2.95 लाख की दवा हो गई एक्सपायर्ड

जयपुर, 15 नवम्बर (हि.स.)। प्रदेश में कोरोना महामारी का संक्रमण लगातार बढऩे के कारण सरकारी अस्पतालों में आम मरीजों की आमद बुरी तरह प्रभावित हुई है। इसी का असर है कि प्रदेश के 10 से अधिक जिलों में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत अक्टूबर में 75 लाख 76 हजार 490 रुपए की दवाएं पड़ी-पड़ी एक्सपायर हो गई। जबकि, नवंबर में अबतक दो करोड़ 95 लाख की दवाई एक्सपायर्ड हो गई। प्रदेश में सबसे ज्यादा दवा एक्सपायर होने का मामला बाड़मेर का है। अब चिकित्सा विभाग ने सभी जिलों के सीएमएचओ से इस संबंध में जवाब तलब किया है। चिकित्सा विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो बाड़मेर जिले में 11 लाख 21 हजार 746 रुपए, जोधपुर में 8 लाख 82 हजार 383 रुपए, नागौर में छह लाख 73 हजार 896 की दवाई, राजधानी जयपुर में 5 लाख 40 हजार 528, कोटा में 4 लाख 73 हजार 805 रुपए की दवाई एक्सपायर हुई है। इसी तरह जालोर में 4 लाख 59 हजार 82 रुपए, राजसमंद में 3 लाख 28 हजार 686 की दवाई, चूरु में 2 लाख 37 हजार 603 की दवा, सिरोही में 2 लाख 35 हजार 155 की दवाई, अलवर में एक लाख 18 हजार 700 की दवाएं एक्सपायर्ड हुई हैं। कोरोना के कारण इनदिनों सामान्य बीमारियों के मरीज सरकारी अस्पतालों और औषधि भंडारों में नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत करोड़ों की दवाई एक्सपायर हो रही है। प्रदेश में मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके, इसके लिए मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत मरीजों को निशुल्क दवा उपलब्ध कराई जाती हैं। जिला अस्पतालों में इनदिनों कोरोना मरीजों का भी इलाज हो रहा है। इस कारण सामान्य मरीजों ने कोरोना के डर से अस्पताल आना कम कर दिया है। कोरोना के खौफ की वजह से इनदिनों सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या काफी कम रही है। प्रदेश के सामान्य सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन हजारों मरीजों की प्रतिदिन ओपीडी रहती थी, जिसमें कोरोनाकाल में खासी कमी आई है। इस कारण मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना की दवाएं खपाने में भी संकट पैदा हो रहा है। हाल ही में कराए गए स्टॉक के सत्यापन में प्रदेश के 10 जिलों में योजना के तहत आपूर्ति की गई दवाओं के एक्सपायर्ड होने का मामला सामने आया। इसके बाद अब चिकित्सा विभाग के निदेशक ने सभी जिला सीएमएचओ को नोटिस भेजते हुए अक्टूबर-नवम्बर में एक्सपायर होने वाली दवाओं का समय रहते उपयोग नहीं करने पर जवाब मांगा है। इसके साथ ही दवाओं की एक्सपायर होने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में किस स्तर पर गलती हुई है, उसकी जांच कराई जाए और जिम्मेदारी कर्मचारी व अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर-hindusthansamachar.in

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