लोग अनावश्यक परेशान न हो इसके लिए अधिकारी सजगता से कार्य करें
लोग अनावश्यक परेशान न हो इसके लिए अधिकारी सजगता से कार्य करें

लोग अनावश्यक परेशान न हो इसके लिए अधिकारी सजगता से कार्य करें

जयपुर, 08 सितम्बर (हि.स.)। लोग अनावश्यक रूप से परेशान न हो इसके लिए अधिकारी सजगता से कार्य करें। संस्कृत शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने मंगलवार को सचिवालय स्थित मंत्रालयिक भवन में संस्कृत शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को यह निर्देश देते हुए कहा कि आमजन की समस्याओं का प्राथमिकता से निराकरण कर राहत प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि उन्होंने जनघोषणा पत्र के अनुसार वैदिक संस्कार एवं शिक्षा बोर्ड के गठन का अन्तिम ड्राफ्ट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। डॉ. गर्ग ने समीक्षा बैठक में विभागीय पदोन्नति, विभाग में रिक्त पदों एवं भर्तियों, राजस्थान लोक सेवा आयोग से नव चयनित शिक्षकों की पदस्थापन की अद्यतन स्थिति, समसा से पिछले पांच वर्षों से प्राप्त बजट एवं उसका उपयोग, भूमि, भवन व खेल मैदान विहीन विद्यालयों की विद्यालयवार स्थिति, महाविद्यालय के विभागीय नियम व सातवां वेतन आयोग के संबंध में, संस्कृत महाविद्यालय/विद्यालयों के निरीक्षण की व्यवस्था एवं आवश्यक सुधार संबंधि प्रस्ताव, संंभागीय शिक्षा अधिकारियों की विभाग में भूमिका, कोविड-19 के दौरान ई-लर्निग के द्वारा शिक्षण व्यवस्था के लिए आवश्यक कार्यवाही आदि विषयों पर चर्चा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। संस्कृत शिक्षा राज्यमंत्री ने विभागीय पदोन्नति को शीध्रताशीध्र सम्पन्न करने को दृष्टिगत रखते हुए एक माह में डी.पी.सी. से संबंधित कार्यवाही कर पालना रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंंने महाविद्यालय शिक्षा नियम में एक संशोधन पर भी चर्चा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये। डॉ. गर्ग ने भूमिहीन एवं मैदान विहीन विद्यालयों तथा भवन विहीन विद्यालयों का चिन्हिकरण कर उनकी सूची बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने ने भूमि विहीन एवं खेल मैदान विहीन विद्यालयों को भूमि आवंटन एवं खेल मैदान आवंटन के लिए जिला कलेक्टर को प्रस्ताव बनाकर त्वरित प्रभाव से प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने इसके साथ ही जिन विद्यालयों में भूमि है लेकिन भवन नहीं है ऎसे विद्यालयों का चिन्हिकरण कर संस्कृत शिक्षा निदेशालय त्वरित प्रभाव से प्रस्ताव बनाकर वित्त विभाग भिजवाने निर्देश भी प्रदान किये।संस्कृत शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि संभागीय शिक्षा अधिकारी अपने कर्तव्यों का निष्ठा के साथ निर्वहन करें इसके लिए वे विद्यालयों का दौरा कर प्रभावी निरीक्षण करें तथा विद्यालयों में गुणवत्ता विकास हेतु प्रभावी भूमिका निभाएं। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप / ईश्वर-hindusthansamachar.in

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