राजस्थान में जगमगाते दीयों के दीदार के बीच बिखरी दीपोत्सव की खुशियां
राजस्थान में जगमगाते दीयों के दीदार के बीच बिखरी दीपोत्सव की खुशियां

राजस्थान में जगमगाते दीयों के दीदार के बीच बिखरी दीपोत्सव की खुशियां

जयपुर, 14 नवम्बर (हि.स.)। रोशनी और खुशियों का पर्व दीपावली शनिवार को पूरे राजस्थान में उत्साह के साथ परंपरागत रूप से मनाया गया। शुभ मुहूर्त में घरों-मंदिरों और प्रतिष्ठानों में आमजन ने विघ्न विनाशक भगवान गणेश माता लक्ष्मी और कुबेर की विधि-विधान से पूजा की। घरों पर दीये जलाए गए और मिष्ठान वितरित कर कोरोना को दूर भगाने की प्रार्थनाएं की गई। इस साल कोरोना महामारी के चलते सरकार की ओर से लगाए गए पटाखों व आतिशबाजी पर प्रतिबंध के बावजूद आमजन में दीपोत्सव को लेकर उत्साह का माहौल रहा। प्रकाश पर्व दीपावली को लेकर लोग कई दिन से तैयारी कर रहे थे। शनिवार सुबह से आमजन में पर्व को लेकर खूब उत्साह दिखा। सुबह घरों की साफ-सफाई के बाद आमजन ने बाजार का रुख किया। किसी ने पूजन का सामान खरीदा तो किसी ने लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति। साथ में लाई-मिठाई, फल व दीये की भी खरीदारी की गई। घरों में महिलाओं ने सुबह पकोड़ी, मीठी रोटी, खिचड़ी आदि पकवान बनाए। शाम को घर के बड़े-बुजुर्गों ने घरों और प्रतिष्ठानों में मुहूर्त के अनुसार पूजा की। घरों-प्रतिष्ठानों के अलावा मंदिरों में सुबह फूल की लडिय़ां, जबकि शाम को विद्युत झालरों से सजावट की गई। घरों-प्रतिष्ठानों में भी रंगोली बनाने के साथ दीप जलाए गए। इसके साथ ही परिचितों से मिलकर व सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे को बधाई व शुभकामनाएं दी गई। दीपावली पर खरीदारी के लिए बाजार पूरे दिन चहकता रहा। फूल, पूजा, बर्तन, फल, मिठाई व गिफ्ट आइटम की दुकानों पर ग्राहकों की होड़ मची रही। ज्वैलरी की दुकानों पर भी जमकर खरीदारी हुई। परंपरानुसार दीपावली पर कई लोग गन्ने की पूजा करते है। इसको लेकर बाजारों में गन्ने के स्टॉलों पर खरीदारों की खासी भीड़ रही। हालांकि कोरोनाकाल को देखते हुए बाजारों में बीते सालों के मुकाबले कम ही लोग पहुंचे, लेकिन ग्राहकों की आवाजाही से पूरे दिन बाजार चहकते रहे। ज्योतिषियों के अनुसार इस दीपावली पर तीन ग्रहों के दुर्लभ संयोग ने इसे खास बना दिया। गुरु ग्रह अपनी स्वराशि धनु और शनि मकर में रहा, जबकि शुक्र कन्या में रहा। इससे पहले दीपावली पर तीन ग्रहों का दुर्लभ संयोग 1521 में बना था, जो अब 499 वर्ष बाद बन रहा है। शाम के समय शुभ मुहूर्त में प्रदेशवासियों ने माता लक्ष्मी संग कुबेर व अन्य देवताओं की पूजा अर्चना कर सुख सौभाग्य के साथ खुशहाली की कामनाएं की। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि रविवार को गोवर्धन पूजा या अन्नकूट होगा। प्रतिपदा सुबह 10 बजकर 36 मिनट से सोमवार सुबह सात बजकर छह मिनट तक रहेगी। गोवर्धन पूजा का मुहूर्त दोपहर तीन बजकर 19 मिनट से शाम पांच बजकर 27 मिनट तक रहेगा। गोवर्धन पूजा में गोधन यानी गो पूजा की जाती है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

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