महिला पर्यवेक्षक को नौ साल बाद दी चार्जशीट में जांच करने पर लगाई रोक
महिला पर्यवेक्षक को नौ साल बाद दी चार्जशीट में जांच करने पर लगाई रोक

महिला पर्यवेक्षक को नौ साल बाद दी चार्जशीट में जांच करने पर लगाई रोक

जयपुर, 11 दिसम्बर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने महिला पर्यवेक्षक को पोषाहार सप्लाई में अनियमिता के संबंध में नौ साल बाद चार्जशीट देने पर अतिरिक्त महिला एवं बाल विकास सचिव और आईसीडीएस निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके साथ ही अदालत ने दी गई चार्जशीट में जांच करने पर रोक लगा दी है। न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश अनिता रसाल की ओर से दायर याचिका पर दिए। याचिका में अधिवक्ता आशीष सक्सैना ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता महिला एवं बाल विकास विभाग में पर्यवेक्षक पद पर कार्यरत है। विभाग ने गत 19 अक्टूबर को उसे यह कहते हुए चार्जशीट दी कि उसने वर्ष 2011 के कुछ महिनों में किशोरी बालिकाओं को पोषाहार सप्लाई नहीं किया। याचिका में कहा गया कि जिन महिनों को लेकर चार्जशीट दी गई है, उन महिनों में पोषाहार सप्लाई के लिखित आदेश नहीं थे। लिखित आदेश मिलने के बाद पोषाहार की पुन: सप्लाई शुरू कर दी गई थी। इसके अलावा घटना के नौ साल बाद चार्जशीट देना गलत है। लंबा समय बीतने के बाद दी गई चार्जशीट के मामले में संबंधित कार्मिक के पास संबंधित रिकॉर्ड भी नहीं रहता है। ऐसे में वह विभागीय जांच में अपना पक्ष नहीं रख सकता। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने चार्जशीट में जांच करने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। हिन्दुस्थान समाचार/ पारीक/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

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