बीकानेर, 12 दिसम्बर (हि.स.)। अपनी स्थापना के बाद से देश के विभिन्न भागों में आतंकवाद से निपटने के लिए भारत की पहली रक्षा पंक्ति सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में सबसे आगे रही है। इस बात के साथ बीएसएफ के बीकानेर सैक्टर के डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने शनिवार को 'हिन्दुस्थान समाचार' को बताया कि भारत-पाकिस्तान 1971 (3 दिसम्बर से 16 दिसम्बर 1971) युद्ध के विजय होने के बाद बीएसएफ द्वारा पहली दफा विजय दिवस के उपलक्ष्य पर कई कार्यक्रम करने की योजना बनाई गयी हैं। इसी योजना के तहत बीएसएफ के जवान 13 दिसम्बर रविवार की रात्रि के समय कावेरी सीमा चौकी (खाजूवाला) से शुरु होकर तारबंदी के साथ-साथ कच्ची पक्की सड़कें तथा रेत के टीलों को दौड़ कर पार करते हुए 180 किलोमीटर का रास्ता मात्र 11 घंटों में तय कर अनूपगढ़ की कैलाश पोस्ट पर पहुंचेगे। इस दौड़ में अधिक से अधिक जवानों की भागीदारी हो इसके लिए प्रत्येक जवान अपनी पूरी ताकत के साथ लगभग 400 से 500 मीटर दौड़ेगा। राठौड़ ने बताया कि बताया कि इस रिले रेस की खासियत यह होगी कि रेस की शुरुआत मध्य रात्रि को होगी जो कि बीएसएफ के जवानों के अटूट हौसले को दर्शाती है। इसके बाद सीमा के निकटवर्ती गांवों से होते हुए 14 दिसम्बर सोमवार को अनूपगढ़ के एपीजे अब्दुल कलाम स्टेडियम में पहुंचेगे। जहां भारत पाक युद्ध में सीमा सुरक्षा बल की तरफ से शामिल जवानों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे जवान सीमा सुरक्षा बल के असली हीरो हैं। यह जवान सीमा सुरक्षा बल के अन्य जवानों, आमजन तथा अधिकारियों के समक्ष अपनी युद्ध के अनुभव को साझा करेंगे। इस उपलक्ष्य में सीमा सुरक्षा बल के कई अधिकारी भी शामिल होंगे। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/संदीप-hindusthansamachar.in