बीटीपी ने भाजपा-कांग्रेस पर राजनैतिक रोटियां सेंकने का लगाया आरोप
बीटीपी ने भाजपा-कांग्रेस पर राजनैतिक रोटियां सेंकने का लगाया आरोप

बीटीपी ने भाजपा-कांग्रेस पर राजनैतिक रोटियां सेंकने का लगाया आरोप

डूंगरपुर, 30 सितम्बर (हि.स.)। डूंगरपुर और सीमावर्ती जिलों में रीट भर्ती को लेकर उपजे विवाद के बाद राजनीतिक पार्टियों में आरोप प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा, कांग्रेस और बीटीपी तीनों ही एक दूसरे पर आरोप लगा रही है। भारतीय ट्राईबल पार्टी ने बुधवार आपातकालीन बैठक की। बैठक में बीटीपी के शीर्ष नेतृत्व के साथ रीट भर्ती 2018 के मुद्दे को लेकर उपजे विवाद, घटनाक्रम, राजनैतिक दलों के नेताओं के बयानों पर गहनता से चर्चा की गई। बीटीपी के प्रदेशाध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने कहा कि रीट अभ्यर्थियों के 18 दिन कांकरी डुंगरी पर चले महापड़ाव के दौरान कांग्रेस-बीजेपी के विधायक, सांसद अभ्यर्थियों के बीच जाकर समझाईश करते तो आज यह घटनाक्रम नहीं होता। पार्टियों के नेता अपनी राजनीति रोटीयाँ सेक रहे हैं, झूठे आंसू बहा रहे है, लोगो के बीच निकल पड़े हैं। ऐसा पहले करते तो जान-माल की हानि जो हुई वह नही होती। उन्होंने कहा कि अनारक्षित वर्ग की रिक्त सीटें 1167 भरी जाएगी या नहीं इस संबंध में बच्चों से समझाइश करते तो घटनाक्रम नहीं होता। इन नेताओं ने फिजूल बातें कर अभ्यर्थियों की भावनाओं में आग में घी डालने का काम किया। घोघरा ने कहा कि बीटीपी पुरजोर शब्दों में उनके कृत्यों की निंदा करती है। उन्होंने बताया कि बिटीपी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को 17 सूत्री मांग पत्र दिया था जिसमें प्रथम मांग 1167 पदों की भर्ती की रखी थी जिसकी सरकार ने अनदेखी की, वही 24 सितंबर 2020 के दिन हाई पावर कमेटी की मीटिंग निरस्त होना भी उग्र आंदोलन का एक कारण है। घोघरा ने विज्ञप्ति में बताया कि महापड़ाव पूरी तरह से सामाजिक समर्थन से था। युवाओं का भारी बारिश में विकट परिस्थितियों में ऊंची पहाड़ी पर बैठना लोगों को छू गया था। बीटीपी ने किसी भी तरह से नेतृत्व नहीं किया है। आदिवासियों के संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों की आवाज जब युवा बनने लगे तो जोहार शब्द, कटारिया द्वारा बीटीपी का झंडा चढ़ाने, बीजेपी-कांग्रेस के नेताओं ने विधायको पर करोड़ों की राशि लेने का आरोप लगाकर राजनीतिक मुद्दा बनाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की जिसमें वे पूरी तरह से असफल हो गए तथा आमजन का विश्वास खो चुके है इनके मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे। बीजेपी का चरित्र रहा है कि घटना घटाने में छिपकर षडयंत्र रचती है तो दूसरी और घटना घटने के बाद लोगों के बीच जाकर राजनीतिक रोटी सेकने की बात करती है। हिंदुस्थान समाचार / संतोष व्यास/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in