बिगड़ती कानून व्यवस्था काे लेकर भाजपा प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
बिगड़ती कानून व्यवस्था काे लेकर भाजपा प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

बिगड़ती कानून व्यवस्था काे लेकर भाजपा प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

जयपुर, 07 अक्टूबर (हि.स.)। राजस्थान में बेलगाम अपराध, दुष्कर्म, गैंगरेप एवं दलित महिलाओं के साथ उत्पीड़न के मुद्दे पर कांग्रेस की गहलोत सरकार के खिलाफ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां की अगुवाई में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन देकर कानून व्यवस्था की समीक्षा और हस्तक्षेप की मांग की है। पूनियां की अगुवाई में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, सांसद जसकौर मीणा, प्रदेश महामंत्री एवं विधायक मदन दिलावर ने महामहिम राज्यपाल महोदय को ज्ञापन सौंपा। पत्रकारों से बातचीत में पूनियां ने कहा कि महिलाओं, बालिकाओं के साथ दुष्कर्म, गैंगरेप एवं दलितों के साथ अत्याचारों से राजस्थान शर्मसार एवं कलंकित हो रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान शांत प्रदेशों में शुमार होता है, लेकिन गहलोत सरकार के शासन में अपराधों की राजधानी बन गया है। दिसम्बर 2018 से अगस्त 2020 तक भारतीय दण्ड संहिता के तहत 4 लाख 35 हजार आपराधिक मुकदमे राज्य के विभिन्न थानों में दर्ज हो चुके हैं। इनमें दलितों के विरूद्ध 11 हजार 200 मुकदमे दर्ज हुए हैं। डॉ. पूनियां ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराधों में देशभर में राजस्थान का दूसरा स्थान है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार दुष्कर्म से सम्बन्धित अपराधों में राजस्थान का प्रथम स्थान होना प्रदेश के लिए दुर्भाग्य की बात है, इससे गहलोत सरकार की लचर कानून व्यवस्था साफ तौर पर दिखती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत जो प्रदेश के गृहमंत्री भी हैं, उनसे कानून व्यवस्था सम्भल नहीं रही है, ऐसे में प्रदेश के लिए पूर्णकालिक गृहमंत्री नहीं है, क्या उनके पास गृहमंत्री पद के लायक कोई योग्य व्यक्ति नहीं है या वे किसी योग्य व्यक्ति को गृहमंत्री बनाना ही नहीं चाहते हैं। पूनियां ने कहा कि बाड़मेर, बांसवाड़ा, सिरोही, भरतपुर, धौलपुर, आमेर, बारां, टोंक, चूरू, सीकर, जालौर इत्यादि क्षेत्रों में दुष्कर्म एवं गैंगरेप की वारदातें पिछले दिनों हुई हैं, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत पीड़िताओं को न्याय दिलाने एवं अपराधियों को सजा दिलाने के लिए अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है, इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि मुख्यमंत्री गहलोत ‘‘बैड डेडी’’ हैं, जो प्रदेश की बेटियों को न्याय दिलाने में सक्षम दिखाई नहीं दे रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने कहा कि राजस्थान की बहन-बेटियों को न्याय दिलाने में मुख्यमंत्री विफल हैं। उन्होंने कहा कि फास्टट्रेक कोर्ट की प्रक्रिया को मजबूती से आगे बढ़ाकर अपराधियों को निश्चित समयावधि में सजा मिले और पीड़िताओं को त्वरित न्याय मिले, ऐसी व्यवस्था प्रदेश के अन्दर करने की जरूरत है, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत बहन-बेटियों की सुरक्षा को लेकर गम्भीर नजर नहीं आ रहे हैं। उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि महिला उत्पीड़न की दृष्टि से प्रदेश की स्थिति बहुत ही भयावह है, अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, कानून व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। ऐसे में हमारे प्रदेश की बहन-बेटियां डर के माहौल में जी रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत कानून व्यवस्था को सम्भालने में पूरी तरह फेल हो चुके हैं । इसलिए ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। हिन्दुस्थान समाचार/ ईश्वर/संदीप-hindusthansamachar.in

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