बच्चे- बुजुर्ग-रोगी और गर्भवती महिलाओं की विशेष स्क्रीनिंग कर रैफरल व्यवस्था को बनाया जाएगा और अधिक मजबूत -चिकित्सा मंत्री
बच्चे- बुजुर्ग-रोगी और गर्भवती महिलाओं की विशेष स्क्रीनिंग कर रैफरल व्यवस्था को बनाया जाएगा और अधिक मजबूत -चिकित्सा मंत्री

बच्चे- बुजुर्ग-रोगी और गर्भवती महिलाओं की विशेष स्क्रीनिंग कर रैफरल व्यवस्था को बनाया जाएगा और अधिक मजबूत -चिकित्सा मंत्री

जयपुर, 19 अगस्त (हि.स.)। चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने बताया कि आमजन के साथ राज्य के वल्नेरबल ग्रुप्स (बीमार व्यक्ति, बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं) को कोरोना से बचाना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए उनकी विशेष स्क्रीनिंग कर रैफरल व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया जाएगा। डाॅ. शर्मा ने बताया कि कोरोना का सबसे ज्यादा प्रभाव 10 वर्ष से कम और 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों और गर्भवती महिलाओं पर पड़ता है। ऐसे समूहों (वल्नरेबल गु्रप्स) को कोरोना से बचाने के लिए चिकित्सा विभाग ने विशेष इंतजामात किए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान किसी भी प्रकार की जनहानि रोकना और उन्हें स्वस्थ बनाए रखने के लिए सरकार संकल्पित है। चिकित्सा विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। निर्देशों के अनुसार कंटेनमेंट एवं हॉटस्पॉट क्षेत्रों के लिए प्रति 100 घरों पर दो पैरामेडिकल स्टाफ की एक टीम गठित की जाए और उन्हें पल्स आक्सीमीटर व थर्मल स्कैनर उपलब्ध कराए जाएं। ऐसे 4-5 दलों के बीच एक वाहन की व्यवस्था भी की जाए। ये वाहन दलों को गंतव्य स्थलों तक ले जाने के साथ-साथ स्क्रिनिंग के दौरान रैफरल के लिए उपयुक्त पाए गए व्यक्तियों को निकटस्थ चिकित्सा संस्थानों तक ले जाने हेतु भी उपयोग में लिए जाएंगे। अरोड़ा ने बताया कि कंटेनमेंट और हॉटस्पॉट क्षेत्रों में शत प्रतिशत स्क्रीनिंग सुनिश्चित करने के लिए दलों की संख्या इस प्रकार निर्धारित की जाए कि यह काम 7-10 दिवस की अवधि में पूर्ण किया जा सकेगा। इन कामों के लिए गठित समस्त दलों का प्रशिक्षण जिला या ब्लॉक स्तर पर सुनिश्चित किया जाएगा। प्रशिक्षण में यह स्पष्टता से बताया जाए कि निम्न परिस्थितियों में रैफरल जरूरी है। उन्होंने बताया कि पल्स आक्सीमीटर द्वारा आक्सीजन स्तर निर्धारित स्तर से कम होने पर अन्य बीमारियों की स्थिति गंभीर होने पर नया कंटेनमेंट एरिया निर्धारित होने पर यह प्रक्रिया उक्त क्षेत्र में भी अपनाई जाएगी और यदि कोई क्षेत्र लगातार कंटेनमेंट में रहता है तो वहीं प्रक्रिया 15 दिवस के अंतराल में पुनः दोहराई जाएगी। प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि कंटेनमेंट एवं हॉटस्पॉट क्षेत्रों के अलावा क्षेत्रों में पूर्ववत् संबंधित पैरामेडिकल कर्मी के द्वारा वल्नरेबल समूह के व्यक्तियों की स्क्रिनिंग की जाएगी लेकिन स्कोरिंग किए गए व्यक्तियों में से गंभीर प्रकृति के व्यक्तियों की (न्यूनतम 10 प्रतिशत व्यक्तियों की) के समय पल्स आक्सीमीटर से जाँच आवश्यक रूप से सुनिश्चित की जाएगी। इस स्क्रीनिंग में रैफरल के लिए उपयुक्त पाए गए व्यक्तियों की 104 एम्बुलेंस या मोबाइल वैन की सहायता से निकटस्थ चिकित्सा केंद्रों में पहुंचाया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप / ईश्वर-hindusthansamachar.in

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