प्रस्तावित खनिज नीति में खनन क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों व परिसंघों के प्रतिनिधियों से भी होगी चर्चा
प्रस्तावित खनिज नीति में खनन क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों व परिसंघों के प्रतिनिधियों से भी होगी चर्चा

प्रस्तावित खनिज नीति में खनन क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों व परिसंघों के प्रतिनिधियों से भी होगी चर्चा

जयपुर, 23 अक्टूबर (हि.स.)। माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि राज्य की नई खनिज नीति में खनन क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों के साथ ही माइनर और मेजर खनन क्षेत्र से जुड़े परिसंघों के प्रतिनिधियों से भी चर्चा की जाएगी ताकि प्रदेष की प्रस्तावित खनिज नीति अन्य प्रदेशों की तुलना में अधिक पारदर्शी, उपादेय, खनन, खोज, दोहन को बढ़ावा देने वाली व राजस्व में बढ़ोतरी में भागीदार बन सके। एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल शुक्रवार को सचिवालय में नई खनिज नीति का प्रारुप तैयार करने के लिए गठित समिति के सदस्यों से रुबरु हो रहे थे। बैठक में जेएस माइंस ओम कसेरा, निदेशक माइंस केबी पाण्ड्या ने भी हिस्सा लिया। अग्रवाल ने समिति को निर्देश दिए कि माइंस निदेशक व समिति के सदस्यों द्वारा खनिज नीति के प्रारुप को अंतिम रुप देने से पहले राज्य के खनिज संघों से जुड़े संघों व संस्थाओं के प्रतिनिधियों से भी वीडियो काॅफ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा कर उनका पक्ष भी जाना जाए। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि नई खनिज नीति व्यावहारिक व पारदर्शी हो। इसी को ध्यान में रखते हुए खनिज संघों के प्रतिनिधियों से चर्चा करने से धरातलीय पक्ष व उनके सुझाव सामने आ सकेंगे। उन्होंने कहा कि खनिज नीति को दूरगामी दृष्टि व सोच के साथ तैयार किया जाए। एसीएस ने कहा कि राज्य में खनिज संपदा का विपुल भण्डार है। माइनर, मेजर मिनरल्स के साथ ही खनिज तेल व गैस के अथाह भण्डार है। उन्होंने कहा कि खनिज नीति को ध्यान में रखते हुए ही नियम बनाए जाए ताकि उनका क्रियान्वयन आसानी से हो सके, अवैध खनन गतिविधियों पर रोक लग सके और प्रदेश के राजस्व संग्रहण में खनिज विभाग की भागीदारी में भी बढ़ोतरी हो सके। समिति के सदस्यों ने बताया कि समिति द्वारा आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ की खनिज नीति का अध्ययन कर लिया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा समय समय पर जारी खनिज नीति का भी अध्ययन किया जा रहा है और आज के संदर्भ में व्यावहारिक पक्षों को भी नई नीति में प्रस्तावित किया जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/ ईश्वर/संदीप-hindusthansamachar.in

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