दीपोत्सव पर सांठ भरकर गुर्जर समुदाय ने किया पूर्वजों को याद
दीपोत्सव पर सांठ भरकर गुर्जर समुदाय ने किया पूर्वजों को याद

दीपोत्सव पर सांठ भरकर गुर्जर समुदाय ने किया पूर्वजों को याद

कोटा, 16 नवम्बर (हि. स.)। दीपावली के दिन राजस्थान गुर्जर महासभा ने जलाशयों के किनारे एकत्र होकर सांठ भरने की रस्म अदा की। इस दौरान गुर्जर समाज के लोगों ने अपने पूर्वजों को याद किया तथा परिवार के सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना की। कोटा में समाज के लोगों ने चम्बल किनारे, भीतरिया कुण्ड, रंगबाड़ी कुण्ड, नया गांव, सकतपुरा, मण्डाना दरा गांव आदि में सांठ भरने की रस्म निभाई और अपने पूर्वजों को याद किया। इस दिन समाज के लोग पूर्ण स्वच्छ होकर घर में बनाए गए पकवान लेकर जलाशयों पर पहुंचे और ज्वार के पत्तों की बेलड़ी बनाकर अपने साथ लाए गए पकवानों का भोग लगाया। बेलड़ी को पानी में प्रवाहित कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की गई। समाज के लोगों ने बताया कि पुष्कर में भगवान ब्रह्माजी द्वारा यज्ञ का आयोजन किया गया। उसमें ब्रह्माणी माता की जगह गुर्जर कन्या को बिठाया गया। उन्होंने वहां गुर्जर समाज को श्राप दिया कि तुम्हारी वजह से हमारा विच्छेद हुआ है। जब गुर्जर कन्या को इस श्राप का पता चला तो वे नाराज हुई और गुर्जर कन्या भी ब्रह्माणी माता को श्राप देने लगी तो माता ब्रह्माणी ने गुर्जर कन्या को रोका और कहा कि इस श्राप से मुक्ति गुर्जर समाज को दिवाली के दिन अमावस्या पर एक साथ एकत्रित होकर जलाशय में खड़े होकर पूर्वजों को तर्पण करने से मिलेगी। समाज के देवलाल गोचर ने बताया कि इस परम्परा का निर्वाह कई सालों से किया जा रहा हैै। इस बार भी दिवाली के दिन शिवपुरा में भीतरिया कुण्ड पर लोगों ने पानी में एक साथ खड़े होकर तर्पण किया और साथ लाए पकवानों का भोग लगाकर लोगों में प्रसाद बांटा। इस अवसर पर प्रदीप कसाणा, देवलाल गोचर, सज्जन सिंह भडाणा, लेखराज कसाणा, राजेश बोड़, शिवि भडक़ और गुर्जर समाज के कई लोग उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप-hindusthansamachar.in

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