अयोध्या बनेगी विश्व की सांस्कृतिक राजधानी: विहिप
अयोध्या बनेगी विश्व की सांस्कृतिक राजधानी: विहिप

अयोध्या बनेगी विश्व की सांस्कृतिक राजधानी: विहिप

-श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निधि समर्पण अभियान होगा विश्व का सबसे बड़ा जनसंपर्क अभियान उदयपुर, 26 दिसम्बर (हि.स.)। हिंदू समाज के 500 साल के संघर्ष के बाद श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर आकार लेने जा रहा है। यह मंदिर हिंदू धर्म, संस्कृति और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। इस भव्य मंदिर के निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद मकर संक्रांति से लेकर माघपूर्णिमा तक देश भर के 13 करोड़ परिवारों को जोड़ने के उद्देश्य से एक व्यापक निधि समर्पण अभियान शुरू करेगी। यह बात विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री गोपाल ने शनिवार को यहां प्रताप गौरव केंद्र में प्रेस वार्ता में कही। बप्पा रावल, महाराणा प्रताप सहित कई पराक्रमी तथा स्वाभिमानी महापुरुषों के राष्ट्ररक्षा के लिए समर्पण को याद करते हुए उन्होंने कहा कि 1528 ई. में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को आक्रमणकारी बाबर ने ध्वस्त करवाया। श्रीराम मंदिर के लिए सतत (अतीत में 76 बार, स्वतंत्र भारत में 1984 से) संघर्ष हुआ तथा विवादित ढांचे को 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने ध्वस्त किया। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 2019 में अपना अंतिम फैसला सुनाया, जिसमें श्री राम के जन्मस्थान पर एक भव्य मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया गया, साथ ही सरकार को एक ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि एक भव्य मंदिर के निर्माण के उद्देश्य से पूरे देश के लोगों को भगवान श्रीराम से जोड़ने का दुनिया का सबसे बड़ा संपर्क अभियान शुरू किया जाना है। 15 जनवरी मकर संक्राति से लेकर 27 फरवरी संत रविदास जयंती माघ पूर्णिमा तक चलने वाला यह अभियान दुनिया का सबसे बड़ा जनसंपर्क अभियान होगा। पहले लक्ष्य 4 लाख गांवों, 11 करोड़ परिवारों और 50 करोड़ हिंदुओं तक पहुंचना था, लेकिन जब प्रांतीय समितियों के साथ बैठकें हुईं और अकल्पनीय उत्साह देखा गया और यह लक्ष्य बढ़कर 5,23,395 गांवों तक पहुंच गया, जबकि देश में कुल गांवों की संख्या 6.5 लाख ही है। अभियान के तहत अब 13 करोड़ परिवारों और 65 करोड़ हिंदुओं तक संपर्क करना लक्ष्य रखा गया है। जन जन के सहयोग से भव्य मंदिर का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। इसके लिए देश भर में 10 लाख टोलियां बनाइ गई हैं, जिसमें 40 लाख कार्यकर्ता संपर्क कार्य में शामिल होंगे। अभियान के तहत 10, 100, 1000 रुपये के कूपन तथा रसीद लेकर गरीब से लेकर संपन्न परिवार तक पहुंचा जाएगा और उनकी श्रद्धा भक्ति के अनुसार उनसे सहयोग प्राप्त किया जाएगा।यह अभियान अब तक दुनिया के इतिहास में सबसे बड़ा संपर्क अभियान होगा। उन्होंने बताया कि राजस्थान में 31 जनवरी से निधि समर्पण अभियान शुरू किया जाएगा। इसके लिए राज्य के हर शहर में विशेष अभियान कार्यालय भी शुरू किए गए हैं। जिला स्तर पर श्रीराम मंदिर निधि समर्पण समितियों की रचना भी हुई है जिसमें विभिन्न संप्रदायों के सम्मानित संत तथा समाजसेवी सज्जन शामिल हैं। श्री राम मंदिर के निर्माण में शामिल होने के लिए देश के अन्य राज्यों की तरह राजस्थान के नागरिकों और परिवारों को भी शामिल होने का आह्वान करते हुए क्षेत्रीय संगठन मंत्री गोपाल ने कहा कि राजस्थान के सभी 36 हजार गांवों तथा नगरीय बस्तियों के शत प्रतिशत परिवारों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण अगले तीन वर्षों में पूरा हो जाएगा और 2023 के अंत तक मंदिर के शिखर पर भव्य भगवा पताका लहराएगी। परिणाम स्वरूप यह सहस्राब्दी श्रीराम की सहस्राब्दी होगी। इस मंदिर के निर्माण के साथ ही रामराज्य की यात्रा प्रारंभ हो जाएगी। चारों ओर राम के आदर्श पर चलने की प्रेरणा होगी। विश्व के सभी रामभक्त जीवन में कम से कम एक बार अयोध्या श्रीराम जी के दर्शन करने पहुंचेंगे और अयोध्या विश्व की सांस्कृतिक राजधानी बनेगी। उन्होंने कहा कि इस अभियान से संपूर्ण भारतभर में रामभक्ति, राष्ट्रभक्ति का भाव जाग्रत होगा। श्रीराम के आदर्श नए सशक्त भारत का निर्माण करेंगे। भारत उदय होगा और विश्व में महाशक्ति के रूप में खड़ा होगा। भारत विश्व का नेतृत्व करेगा और विश्व को दिशा प्रदान करेगा। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल / ईश्वर-hindusthansamachar.in

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