केंद्रीय बजट : गहलोत बोले निराशावादी, वसुंधरा ने कहा विकास की नई परिभाषा लिखेगा
जयपुर, 01 फरवरी (हि.स.)। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से सोमवार को पेश किए गए केन्द्रीय बजट पर कांग्रेस व भाजपा के नेताओं ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री गहलोत ने जहां बजट को निराशावादी बताया है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इसे विकास की नई परिभाषा लिखने वाला करार दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह गरीब और किसान विरोधी, महंगाई बढ़ाने वाला, दिशाहीन और निराशाजनक बजट है। इस बजट में कोरोना महामारी से पैदा हुई विकट बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं। मिडिल क्लास करदाताओं को उम्मीद थी कि मोदी सरकार इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव कर कोई राहत देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बजट से समाज का हर तबका पूरी तरह से निराश हुआ है। गहलोत ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि बजट में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा और हर घर नल योजना में राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। प्रदेश से सभी सांसद एनडीए के होने के बावजूद केंद्र सरकार ने राजस्थान से भेदभावपूर्ण व्यवहार किया है। इस बजट का पूरा फोकस सिर्फ चुनावी राज्यों पश्चिम बंगाल,असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी पर रहा। मुख्यमंत्री गहलोत ने इस बजट को पूरी तरह बड़े उद्योगपतियों के हितों को साधने वाला बजट बताया। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वित्त मंत्री का बजट भाषण निजीकरण को बैंकिंग, बिजली, बीमा, शिपिंग सहित अनेक क्षेत्रों में बढ़ाने पर केंद्रित है जिसमें दो सरकारी बैंकों के निजीकरण, बंदरगाह प्रबंधन को निजी हाथों में देने, बिजली वितरण में सरकारी कंपनियों के समानांतर निजी कंपनियों को मौका देने के अलावा बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। बजट में किसानों के कर्ज, एमएसपी की गारंटी पर कुछ नहीं कहा गया है। पायलट ने कहा कि राजस्थान को इस बजट से निराशा ही मिली है। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्य मंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि देश का आम बजट लोकतंत्र के पवित्र मूल्यों को समर्पित बजट है। यह आत्मनिर्भर भारत की अपेक्षाओं पर खरा उतरने वाला बजट है। राजे ने कहा कि देश के विकास की नई परिभाषा लिखने वाले इस बजट में किसानों, युवाओं, महिलाओं, व्यापारियों,आदिवासियों सहित सभी वर्गों का खय़ाल रखा गया है। जिससे आम लोगों के जीवन के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक और व्यापक बदलाव आएगा। पूर्व सीएम ने कहा है कि यह बजट स्वस्थ व उन्नत भारत की दिशा में एक मजबूत क़दम है। जिससे युवा वर्ग को सीधे तौर पर फायदा होगा तथा भारत को पुन: विश्व गुरु बनाने में मदद मिलेगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि केन्द्रीय बजट में राज्य की पूरी तरह उपेक्षा की गई है। बजट ने युवाओं सहित आमजन को निराश किया है। इस बजट में हैल्थ सेक्टर को कोर सेक्टर बताने के बावजूद हैल्थ के आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने की दिशा में कोई ठोस प्रावधान नहीं किया गया है। पेट्रोल, डीज़ल व रसोई गैस की कीमतें बेतहाशा बढ़ रही है। ऑटोमोबाइल पाट्र्स पर अतिरिक्त करारोपण से परिवहन महंगा होगा और यह महंगाई को बढ़ाएगा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, एम्स जोधपुर में गवर्निंग बॉडी के सदस्य तथा इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी के प्रबंधन समिति के सदस्य डॉ. एस एस अग्रवाल का कहना है कि देश के बजट में पहली बार केवल चिकित्सा को नही बल्कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बजट प्रावधान किए गए हैं। राजस्थान अस्पताल के चेयरमैन और राज्य में निजी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के एन्टरप्रेन्योर डॉ. एस एस अग्रवाल का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सितारमण ने स्वस्थ भारत को मिशन मानते हुए समग्र स्वास्थ्य की कल्पना के साथ 2 लाख 23 हजार 846 करोड़ का बजट स्वास्थ्य सेवाओं के लिए रखा है। इसमें स्वच्छता, स्वच्छ भारत, स्वच्छ जल, पोषण और अनुसंधान के साथ अन्य स्वास्थ्य संबंधी आधारभूत इकाईया शामिल है। उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में प्रस्तुत वित्तीय बजट की आलोचना करते हुए इसे पूर्णतया नकारात्मक एवं असफल बजट बताया है। मंत्री भाटी ने कहा पिछले एक वर्ष में कोरोना महामारी ने मध्यम एवं निम्न वर्ग की कमर तोड़ कर रख दी थी। फिर भी उनके लिए कुछ प्रावधान नहीं किए गए। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित-hindusthansamachar.in