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जिन्होंने की थी जुलूस टालने की इल्तजा, उन्हीं के जनाजे में जुटे 15 हजार लोग

जयपुर, 01 जून (हि.स.)। हाजी रफअत अली का सोमवार को दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया। लोगों ने उनके जनाजे में कोरोना महामारी में सख्त लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ा कर रख दीं। कोरोना संक्रमण में समाजसेवी हाजी रफअत की अंतिम यात्रा में 15 हजार से अधिक लोग शामिल हुए। पुलिस ने भी जनाजे में शामिल भीड़ को नहीं रोका, बल्कि पुलिस उन्हें सुरक्षा दे रही थी। पुलिस जाब्ता और पुलिस की कई गाडिय़ां आगे-पीछे चल रही थीं। अब रामगंज पुलिस ने नियमों का उल्लंघन व कोरोना महामारी अधिनियम के तहत विधायक रफीक खान सहित 11 लोगों पर नामजद व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। प्रसिद्ध समाजसेवी व सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल हाजी रफअत अली की अपील पर ही कुछ दिनों पहले ईद का जुलूस टाल दिया गया था। उन्होंने ईद पर जुलूस निकालने से कोरोना संक्रमण फैलने को लेकर अपील की थी। इसके बाद लोगों ने उनकी बात को मानते हुए ईद का जुलूस नहीं निकाला था। अब उनके निधन के बाद जनाजे में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। हाजी रफअत अली कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। सोमवार को दिल का दौरा पडऩे से इंतकाल हो गया। उनके जनाजे में 15 हजार से अधिक लोग शामिल हुए थे। अंतिम यात्रा के दौरान काफी लोग अचानक सडक़ों पर आ गए। पुलिस ने भीड़ को नहीं रोका। सौ से ज्यादा पुलिस के जवान भी थे। पुलिस की कई गाडिय़ां आगे-पीछे चल रही थीं। खुद डीसीपी अनिल पारिस देशमुख, आरपीएस सुमित शर्मा, सुनील शर्मा, रामगंज थानाधिकारी बीएल मीना, सुभाषचौक थानाधिकारी भूरीसिंह मौजूद रहे थे। उनके इंतकाल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी संवेदना प्रकट की। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि जनाब हाजी रफत साहब के इंतकाल की खबर दुखद है। समाजसेवा व सांप्रदायिक सद्भाव में उनका उल्लेखनीय योगदान रहा, उन्होंने लोगों की खिदमत की। परवरदिगार से मरहूम को जन्नते फिरदौस में आला मकाम अता करने और गमजदा परिवार को यह सदमा सहन करने की ताकत अता करने की इल्तिजा है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर

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