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जो सरपंच का चुनाव तक नहीं जीत पाया, वो हम पर लगा रहे तोहमत : बेनीवाल

जयपुर, 24 जून (हि.स.)। भाजपा कार्यसमिति की बैठक में भाग लेने राजस्थान आए भाजपा के प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद अरूण सिंह की ओर से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) सांसद हनुमान बेनीवाल के संबंध में दिए गए बयान पर हनुमान बेनीवाल ने गुरुवार को तीखी प्रतिक्रिया दी है। बेनीवाल ने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए कहा कि कहा कि अरुण सिंह का स्वयं का कोई जनाधार नहीं है और वे आज तक सरपंच तक चुनाव नहीं लड़ पाए। जबकि, राज्यसभा सांसद का पद व राजस्थान का प्रभार उन्हें इसलिए मिल गया क्योंकि वो केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के रिश्तेदार है। जनता के मतों से तो वो आज तक वार्ड पंच भी निर्वाचित नहीं हो पाए है। बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में आरएलपी के विधायकों ने बिना किसी शर्त भाजपा के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान किया था। गहलोत सरकार जब गिर रही थी, तब विधानसभा में हुए फ्लोर टेस्ट में रालोपा के विधायक भाजपा के साथ खड़े थे। जबकि, वसुंधरा ने फ्लोर टेस्ट के समय आठ विधायकों को सदन से ही गायब करवा दिया, ताकि गहलोत सरकार को बचाया जा सके जो गहलोत-वसुंधरा गठजोड़ का प्रमाण है। गत 20 वर्षों में लोकायुक्त की रिपोर्ट के अनुसार गहलोत-वसुंधरा ने एक दूसरे को कई बार बचाया है। सांसद बेनीवाल ने कहा कि जनता ने उन्हें 3 बार विधायक बनाया व एक बार सांसद बनाया। यह जनता का ही भरोसा है। ऐसे में हमारी विश्वसनीयता पर सवाल उठाने का हक अरुण सिंह को नही है। आरएलपी जनता के हित के मुद्दों को लेकर लड़ाई लड़ रही है। रालोपा मिशन 2023 में जुटी है। ऐसे में किसी भी चुनाव में आरएलपी ने भाग लिया और उसका फायदा किसी अन्य दल को हुआ है तो उससे हमें कोई वास्ता नहीं है। हम आम आदमी के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ रहे है। सांसद बेनीवाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले रालोपा का गठबंधन भाजपा से हुआ। ऐसे में भाजपा को न केवल राजस्थान, बल्कि अन्य राज्यों में भी फायदा हुआ। जहां तक अरुण सिंह के वक्तव्य का सवाल है। उन्हें अगर इतना भरोसा है तो वो राजस्थान में भाजपा के कुछ सांसदों से त्याग पत्र दिलवा दे, उसके बाद वे भी नागौर से त्याग पत्र देकर आरएलपी से चुनाव लड़ लेंगे। इसके बाद परिणामों में नागौर में भाजपा की स्थिति तीसरे नम्बर पर रहेगी। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर

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