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चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी में भी नहीं ऑक्सीजन रेगुलेटर

अजमेर, 05 मई(हि.स.)। राजस्थान में कोरोना का प्रभाव बहुत ही तेजी से फैलता जा रहा है। घर घर में कोरोना का रोना चल रहा है। जीवन रक्षक दवाइयों और ऑक्सीजन तक मुहैया नहीं हो पा रही है। हालात तो इतने विकट है कि राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डाॅ रघु शर्मा के निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी के ही सरकारी अस्पताल में पलंग हैं, ऑक्सीजन भी है पर आक्सीजन सिलेंडर के लिए रेगुलेटर नहीं है। दूसरी ओर किशनगढ़ के विधायक मीडिया को यह बता रहे हैं कि उनके यहां सरकारी अस्पताल में आक्सीजन सिलेंडर पर रेगुलेटर लगाने के लिए उन्हें ब्लैक में प्रदेश की राजधानी जयपुर से खरीदने पड़े। गौरतलब है कि इन दिनों प्रदेशभर में ऑक्सीजन सिलेंडर व रेगुलेटर को लेकर परेशानी हो रही है। प्रदेश सरकार जनता को आत्मअनुशासन में रहने और घरों से बाहर नहीं निकलने की सलाह तो दे रही है पर घर में उपचाररत मरीजों के परिवारजनों को जब सिलेंडर और रेगुलेटर के लिए दर दर भटकना पड़ता है तो वह भी उन्हें गंवारा नहीं है। पुलिस ने रेड अलर्ट के चलते उन पर भी डंडे भांजने शुरू कर दिए है। हालात इतने विकट हैं कि प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी में सरकारी अस्पताल में कोविड के 50 मरीजों के इलाज के लिए बेड लगवा दिए हैं, लेकिन अधिकांश बेड के मरीजों को ऑक्सीजन की सुविधा नहीं मिल रही है। अस्पताल प्रशासन के पास सिलेंडर तो हैं, लेकिन सिलेंडर से मरीज की नाक तक ऑक्सीजन पहुंचाने के काम आने वाला रेगुलेटर नहीं है। दो दिन पहले ही किशनगढ़ के निर्दलीय विधायक सुरेश टाक ने मीडिया को बताया कि सिलेंडर के 15 रेगुलेटर उन्होंने ब्लैक में खरीदें हैं। एक रेगुलेटर जो अधिकतम 1300 रुपए का आता है, उसे 6 हजार 500 रुपए में खरीदा है। विधायक ने बताया कि उनके एक रिश्तेदार ने रेगुलेटर ब्लैक में जयपुर से खरीदे हैं। 15 रेगुलेटरों में से 10 किशनगढ़ के सरकारी यज्ञनारायण अस्पताल में दिए गए हैं, ताकि भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन लग सके। सब जानते हैं कि सुरेश टाक भी गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे हैं। जब सरकार चलाने वाले विधायक को कोरोना काल में ब्लैक में रेगुलेटर खरीदने पड़ रहे हो तथा चिकित्सा मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में रेगुलेटर के अभाव में मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल रही हो तो राजस्थान सरकार की कोरोना प्रबंधन की पोल खोलने के लिए यही दो घटनाएं काफी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आरोप है कि केन्द्र सरकार ने कोरोना काल में ऑक्सीजन का वितरण अपने हाथ में लेने से ऐसे हालात है। जबकि सच्चाई है कि केन्द्र सरकार ने राजस्थान को 250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का कोटा निर्धारित किया है, लेकिन गहलोत सरकार प्रतिदिन 150 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ले पा रही है। यानी 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन लैप्स हो रही है। सीएम गहलोत ऑक्सीजन परिवहन के लिए टैंकर की भी केंद्र से मांग कर रहे हैँ। हिन्दुस्थानसमाचार/संतोष

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