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स्वस्थ रहने का मंत्र है मास्क पहनें, प्रतिभा निखारें, व्यायाम व ध्यान करें और खुश रहें

अजमेर, 12 मई (हि.स.)। वर्तमान विकट समय में आमजन को कोरोना से डरने के बजाय उसके प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से नाट्यवृंद संस्था द्वारा ऑनलाइन संवाद कार्यक्रम की श्रृंखला आरंभ की है। इसमें लेखक, संत, चिकित्सक, शिक्षाविद्, कलाकार व अन्य क्षेत्रों के प्रबुद्धजनों के अनुभव एवं विचारों के माध्यम से अवसाद के इस वातावरण में स्वस्थ व खुश रहने के सूत्र लोगों तक पहुंचाने का प्रयत्न किया जा रहा है। बुधवार को प्रथम सत्र में वरिष्ठ सर्जन व जेएलएन मेडिकल काॅलेज के पूर्वअधीक्षक डाॅ ब्रिजेश माथुर ने कहा कि इस विषम काल को अवसर मानते हुए अपने शौक को परवान चढाइये और स्वस्थ रहिए। संगीत, चित्रकला, खेल, साहित्य आदि की अपनी छुपी प्रतिभा को निखारने में मन लगाकर आप खुश व संतुष्ट रह सकते हैं। इससे सकारात्मक हारमोन्स एडाॅर्फिन का अंतःस्त्राव प्रचुर मात्रा में होता है जो हमें स्वस्थ रखता है। समाजसेवी पार्षद ज्ञान सारस्वत ने कहा कि यह बीमारी घातक अवश्य है किन्तु आत्मविश्वास को दृढ़ रखकर इससे बचा भी जा सकता है और सवंमित हो भी जाएं तो शीघ्र ठीक भी हो सकते हैं। शिक्षाविद् अंजनारानी सक्सेना ने अपील की है कि सभी मास्क जरूर पहनें। लापरवाही खुद के साथ-साथ परिवार और समाज के लिए भी जानलेवा है। जब डाॅक्टर आदि सभी जनसेवक 24 घण्टे मास्क पहनकर सेवा कर सकते हैं तो हमें भी मास्क और नियमों का पालन करते हुए अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए।योग शिक्षक डाॅ स्वतंत्र शर्मा ने टीवी सोशल मीडिया आदि पर प्रसारित भयपूर्ण व नकारात्मक समाचारों से दूर रहने की जरूरत बताते हुए कहा कि चिंता, भय आदि रोग प्रतिरोधक क्षमता को घटाते हैं। तन-मन को स्वस्थ रखने के लिए नियमित योग, प्राणायाम, ध्यान, आध्यात्मिक चिंतन-पठन का अभ्यास करना चाहिए। वरिष्ठ जनस्वास्थ्य विशेषज्ञ डाॅ लाल थदानी ने बताया कि स्वास्थ्य का अर्थ शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और सामाजिक रूप से स्वस्थ होना है। महामारी पर फैले झूठ और नासमझी से बचते हुए हमें परिवार में प्यार बढ़ाना होगा और जीवन में आचार, विचार, व्यवहार, योग व संतुलित आहार को अपनाते हुए प्रकृति से जुड़ना होगा। दिल्ली से मनोवैज्ञानिक अपर्णा गुप्ता ने बताया कि अभी मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। सुपाच्य व स्वास्थ्यवर्द्धक भोजन, व्यायाम, सकारात्मक सोच और मनोरंजन को अपनी दिनचर्चा का नियमित हिस्सा बनाइये। इनके विस्तृत आलेख संस्था के फेसबुक पेज पर पढ़े जा सकेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/ ईश्वर

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