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अन्तिम छोर पर बैठे पशुपालकों को मिले पशुपालन के नवीनतम ज्ञान का लाभ- राज्यपाल

- राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह ऑनलाइन आयोजित जयपुरर, 25 फरवरी(हि.स.)। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि पशुओं से गुणवत्तापूर्ण उत्पाद प्राप्त करने के लिए उन्हें अच्छा पोषण भी दिया जाए। उन्होंने कहा कि पशुधन संरक्षण के लिए समाज में जागरूकता लाने की आवश्यकता है। राज्यपाल मिश्र गुरुवार को यहां राजभवन में राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर के चतुर्थ दीक्षांत समारोह को आनलाइन संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पशुओं को परिवार के सदस्य के रूप में मानते हुए उन्हें पालना शुरूआत से ही हमारी संस्कृति का अंग रहा है। यहां तक कि देवी-देवताओं का वाहन पशु-पक्षियों को माना गया है तो इसके पीछे उद्देश्य यही है कि प्रकृति और उसमें रहने वाले जीवों के प्रति हिंसा नहीं की जाये। राज्यपाल मिश्र ने कहा कि पशुपालन के उन्नत तरीकों, उन्नत पोषाहार की नवीनतम तकनीकों, पशु चिकित्सा से संबंधित आधुनिक ज्ञान-विज्ञान, पशुधन संरक्षण और चिकित्सा से जुड़े नये आयामों की सार्थकता तभी है जब इनका लाभ राज्य के अन्तिम छोर पर बैठे पशुपालकों को मिल सके। उन्होंने कहा कि पशु विज्ञान केन्द्रों को गांव-ढाणी तक किसानों और पशुपालकों को पशुपालन से जुड़ी नवीनतम जानकारी उनकी अपनी भाषा और समझ के अनुरूप उन तक पहुंचाने की पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे पशुपालकों की समस्याओं के स्थानीय स्तर पर समाधान और अनुसंधान की नई दृष्टि विकसित होगी। राज्यपाल मिश्र ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहयोग से निर्मित विश्वविद्यालय के तीन मंजिला नवीन परीक्षा भवन का लोकार्पण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क प्रकोष्ठ द्वारा तैयार विश्वविद्यालय के नियमों एवं परिनियमों की पुस्तिका का भी विमोचन किया। इस मौके पर कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि प्रदेश में लघु एवं सीमान्त किसानों की आजीविका का मुख्य साधन पशुपालन है, जिसे देखते हुए राज्य सरकार द्वारा कृषकों एवं पशुपालकों की आय में वृद्धि सुनिश्चित करने के प्रयास किये गए हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक प्रो. त्रिलोचल महापात्र ने कहा कि राजस्थान में कृषि के साथ बागवानी, पशुपालन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन को अपनाकर समेकित कृषि पद्धति को बढ़ावा देना चाहिए ताकि किसानों और समारोह में विभिन्न संकायों के स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में सर्वोत्तम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थिंयों को स्वर्ण पदक और पीएचडी धारकों को उपाधियां प्रदान की गईं। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप

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