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कोरोना काल में अनाथ बच्चों के लिए राज्य सरकार पूरी तरह संवेदनशील - संगीता बेनीवाल

-राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष उदयपुर संभाग के दौरे पर -जल्द शुरू होगा राज्य स्तरीय बाल मित्र अभियान उदयपुर, 23 जून (हि.स.)। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल, सदस्य शिव नागा, डॉ. शैलेंद पंड्या बुधवार को उदयपुर संभाग के दौरे पर पहुंचे। आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल की अध्यक्षता में जिला परिषद सभागार में जिला स्तरीय बैठक हुई। बैठक में बेनीवाल ने कहा कि कोविड की वजह से बेसहारा हुए बच्चों की परवरिश और उनके उज्ज्वल भविष्य को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह संवेदनशील है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री बाल कल्याण योजना की घोषणा की है। इस योजना का लाभ हर पात्र बच्चे तक पहुंचना चाहिए। जल्द ही राज्य सरकार बाल मित्र अभियान शुरू करने जा रही है। बेनीवाल ने कहा कि बाल अधिकारों के प्रति जनचेतना लाने के उद्देश्य से शुरू होने वाला यह यह राज्य स्तरीय अभियान उदयपुर से शुरू हो, ऐसी उनकी ख्वाहिश है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिशुरोग विशेषज्ञ लगाने के निर्देश समीक्षा बैठक दौरान जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के चिकित्सालयों में शिशुरोग विशेषज्ञों के अभाव पर जानकारी प्राप्त होने पर बेनीवाल ने इस विषय पर वस्तुस्थिति जानी और इन चिकित्सालयों में जल्द से जल्द शिशुरोग विशेषज्ञों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए पूरी तैयारी बेनीवाल ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए चाइल्ड डेडिकेटेड कोविड सेंटर की समीक्षा की। जिला कलक्टर चेतन देवड़ा ने बताया कि उदयपुर जिले में ब्लॉक स्तर पर सीएचसी और पीएचसी को मजबूत बनाया जा रहा है। यहां पर पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन आपूर्ति, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध है। जिले में उपखंड स्तर पर 13 कोविड केयर एंड कंसल्टेशन सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। इनमें ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटीलेटर, कंसंट्रेटर, पल्स ऑक्सीमीटर सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं मौजूद हैं। इस दौरान आरएनटी प्राचार्य डॉ. लाखन पोसवाल व सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने जिले में संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए किए गए विभागीय प्रयासों की जानकारी दी। पुनर्वास में शिक्षा विभाग की अहम भूमिका - पण्ड्या आयोग के सदस्य शैलेंद्र पंड्या ने कहा कि बाल श्रम में लिप्त बच्चों के पुनर्वास में शिक्षा विभाग की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। एक बार रेस्क्यू करने के बाद बच्चे वापस बाल श्रम में न धकेले जाएं, इसके लिए सभी विभागों, एनजीओ को समन्वित प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू किए गए बच्चों की नियमित रूप से मॉनिटरिंग होनी चाहिए। उदयपुर इस लिहाज से मॉडल जिला बन सकता है। बच्चों की टीसी और आरटीई के आंकड़े मांगे - शिव नागा आयोग के सदस्य शिव नागा ने कोरोना काल में कितने बच्चों की टीसी कटी और आरटीई एक्ट के तहत स्कूलों में प्रवेश की प्रगति जानी। नागा ने कहा कि मुख्यमंत्री बाल अधिकारों की सुरक्षा को लेकर बहुत संवेदनशील है। किसी भी बच्चे को फीस के अभाव में स्कूल से नहीं निकाला जाए। हाल ही एक स्कूल से एक साथ कई बच्चों की टीसी काटने के मामले को लेकर नागा ने कहा कि किसी भी बच्चे को जबरन स्कूल से नहीं निकाला जा सकता। यदि किसी ने ऐसा किया है तो सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। स्कूल खुलते ही पुलिस विभाग शुरू करेगा अभियान एसपी डॉ. राजीव पचार ने बताया कि स्कूल खुलते ही पुलिस विभाग स्कूलों में जाकर बच्चों को बाल अधिकारों और किशोर न्याय अधिनियम के बारे में जागरूक करने का वत्सल वार्ता अभियान शुरू किया जाएगा। एसपी ने बताया बाल श्रम के प्रति जागरुकता लाने और बच्चों के प्रति होने वाली हिंसा की रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इन मुद्दों पर जानी प्रगति आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बाल कल्याण समिति, आरटीई एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन, नवीन जे.जे. एक्ट, बाल श्रम उन्मूलन, आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के पोषण की स्थिति, शिशु एवं किशोर गृह, छात्रावासों की स्थिति की समीक्षा करते हुए प्रगति जानी। बैठक में जिला परिषद सीईओ डॉ. मंजू, एडीएम सिटी अशोक कुमार सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी और यूनिसेफ व एनजीओ के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल/संदीप

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