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आरएसएस: तीन दिवसीय पंचयज्ञ से परम वैभव परिवार ई-शिविर में जुड़े 51 हजार परिवार

उदयपुर, 23 मई (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चित्तौड़ प्रांत की ओर से कोरोना के महासंकट काल में सकारात्मकता के उद्देश्य से तीन दिवसीय ई-परिवार शिविर का आयोजन किया गया। इसमें 51,429 परिवारों के लगभग 2.5 लाख परिवारजनों ने सहभागिता की और ई-शिविर की दिनचर्या का अनुसरण किया। उल्लेखनीय है कि संघ ने राजस्थान का दक्षिण पूर्वी क्षेत्र को चितौड़ प्रांत का नाम दे रखा है जो प्रशासनिक रूप से 12 जिलों का क्षेत्र है। संघ ने इस क्षेत्र को अपने कार्य के अनुसार 8 विभागों और 27 जिलों में बांट रखा है। इन 27 जिलों के 3,983 स्थानों के 51 हजार 429 परिवारों के लगभग ढाई लाख परिवारजनों ने ई-शिविर में सहभाग किया। इनमें से 9113 परिवार ऐसे हैं जिन्होंने पहली बार संघ के कार्यक्रम में भागीदारी की है। इस शिविर में 1 लाख 10 हजार 85 महिलाएं और 1 लाख 35 हजार 17 पुरुष जुड़े। प्रांत के कुटुंब प्रबोधन संयोजक सियाराम विजयवर्गीय ने बताया कि कोरोना के कष्टदायी काल में परिवारों में विश्वास का भाव, भयमुक्त और सकारात्मक वातावरण बनाने के उद्देश्य से यह शिविर लगाया गया। कोरोना काल की परिस्थिति के कारण घरों से बाहर जाना संभव नहीं है। अपने ही घर में रहते हुए प्रातः एक घंटा शारीरिक कार्यक्रमों के माध्यम से स्वास्थ्य जागरूकता का संदेश दिया गया तो दिन भर के अन्य आयोजनों के क्रम में विभिन्न विषयों पर चर्चा और बौद्धिक के माध्यम से ‘अपना कुटुंब - आदर्श कुटुंब’ बनाने पर मंथन किया गया। सांध्यकालीन समय में घर के अंदर खेले जा सकने वाले खेलों सहित भक्ति व देशभक्ति गीतों के आयोजन हुए। इन आयोजनों में शामिल परिवारों का अनुभव अनूठा ही रहा। बच्चों से लेकर बड़ों तक ने ई-शिविर में पूरी रुचि दिखाई और आगे भी ऐसे आयोजनों से जुड़ने का संकल्प व्यक्त किया। शिविर में पहले दिन संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी, दूसरे दिन राजस्थान क्षेत्र प्रचारक निंबाराम और तीसरे दिन अखिल भारतीय कुटुंब प्रबोधन संयोजक रवींद्र जोशी (नागपुर) ने स्वास्थ्य, परिवार की व्यवस्थाएं, व्यक्तिगत जीवन की उन्नति और उससे राष्ट्र की उन्नति करते हुए परम वैभव की प्राप्ति कैसे हो आदि विषयों पर विचार रखे। इसके अतिरिक्त शिविर में परिवारों ने घरों में श्रम साधना की, सेवा कार्य किए और संध्या काल में आरती अथवा हनुमान चालीसा के पाठ भी किए। इस शिविर की पूर्व तैयारी के दृष्टि से दो दिन ऑनलाइन पंजीयन किया गया था। पंजीकृत परिवारों के 3551 व्हाट्सअप समूह बनाए गए। इन समूहों के माध्यम से सूचनाएं, दिनक्रम, आसन व खेल के वीडियो, चर्चा के विषय बिंदु और बौद्धिक की लिंक आदि समय-समय पर सामग्री भेजी गई। इस शिविर के संचालन के लिए 7434 कार्यकर्ता जुटे। शिविर के बाद परिवारों ने बताया कि इससे नई ऊर्जा तो मिली ही, दिनचर्या व्यवस्थित करने का भी अवसर मिला। परिवार के साथ बैठकर विभिन्न भारतीय संस्कारों पर चर्चा करना तो सहज हुआ ही, खेलों व गीत गायन के माध्यम से परिवारों को अपने बच्चों की अतिरिक्त प्रतिभाओं का भी पता चला। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल / ईश्वर

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