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अभिभावकों में आक्रोश:ना सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू ना फीस एक्ट, मनमानी फीसों को लेकर मिल रही है धमकियां

जयपुर, 20 मई(हि.स.)। निजी स्कूलों की फीस को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नही ले रहा है, एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट ने अपना अंतिम आदेश दे दिया है वही दूसरी तरह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना ना होने से अभिभावकों में आक्रोश बढ़ रहा है। गुरुवार को संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा कि प्रदेश का अभिभावक फीस में राहत चाहता है, किन्तु निजी स्कूल संचालक अपनी हठधर्मिता पर अड़े हुए है, मनमानी फीस वसूलने के चलते लगातार अभिभावकों पर मेसेज और फोन कॉल के माध्यम से दबाव बनाकर डरा-धमका रहे है। राज्य सरकार और प्रदेश के शिक्षा प्रशासन को इस विषय पर अपनी भूमिका तय करनी चाहिए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना सुनिश्चित करवानी चाहिए। जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 3 मई को अपना फैसला सुनाया उसके बावजूद निजी स्कूल कोर्ट के आदेश की पालना ना कर लगातार अवमानना कर रहे है बच्चों की पढ़ाई रोक दी है, फीस की तिथि निर्धारित कर अभिभावकों को डराया-धमकाया रहे है कि इतनी तरीख तक फीस जमा नही होगी तो हम समझ लेंगे की आप अपने बच्चों को पढ़ाना नही चाहते है। लेट फीस वसूल रहे है, जबकि फीस न चुकाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना ही नही हो सकती है । सरकार आदेश जी पालना नही करवा रही है।शिकायतें भेजने के बावजूद शिक्षा विभाग कार्यवाही नही कर रहा है आखिरकार इनकी भूमिका कौन तय करेगा। बार-बार परीक्षाएं स्थगित होने से छात्र-छात्राओं में मानसिक दबाव, सीबीएसई 12 वीं की और माध्यमिक शिक्षा 10 वीं व 12 वीं की परीक्षा रद्द करें प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा कि पिछले तीन महीनों से लगातार परीक्षाएं स्थगित हो रही है छात्र-छात्राएं इससे डिप्रेशन के शिकार हो रहे है, लगातार उनका मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है, छात्रों के जहन में भी अब सवाल उठने लगे है परीक्षा होगी कि नही होगी, हर बार परीक्षाओ की तैयारी करते है और परीक्षाएं स्थगित हो जाती है, उन्हें यह तो मालूम पढ़े की कब परीक्षा होगी, कैसे परीक्षा होगी। वर्तमान परिस्थियों को देखकर सीबीएसई बोर्ड ने 10 वीं की परीक्षा रद्द कर बच्चों को प्रमोशन दिया, उसी तर्ज पर सीबीएसई बोर्ड को 12 वीं की परीक्षाएं और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को 10 वीं व 12 वीं की परीक्षा भी रद्द कर बच्चों को राहत देनी चाहिए। निजी स्कूल संचालक बार-बार परीक्षा स्थगित होने का फायदा अभिभावकों से उठा रहे है और मनमानी फीस वसूल रहे है, फीस ना चुकाने के चलते बहुत से छात्र-छात्राओं की क्लासेज तक बंद की हुई है। प्रदेशभर के 50 प्रतिशत से अधिक बच्चों ने ना ऑनलाइन पढ़ाई की है ना ऑफलाइन पढ़ाई की है वह कैसे परीक्षा देंगे। राज्य सरकार से अपील करते है कि वह इस विषय पर तत्काल संज्ञान लेंवे और सीबीएसई बोर्ड को भी पत्र लिखकर परीक्षा रद्द कर छात्र-छात्राओं सहित अभिभावकों को राहत देने का काम करे। वर्च्युअल संवाद शुक्रवार को, अभिभावक जानेंगे स्वयं के अधिकार प्रदेश कोषाध्यक्ष सर्वेश मिश्रा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश, फीस एक्ट 2016 और अभिभावकों की शंकाओ को लेकर संयुक्त अभिभावक संघ ने प्रदेश में 7 मई से " जन जागृति अभियान " लगातार चलाया हुआ है, जिसमे प्रदेशभर के अभिभावक बढ़-चढ़कर भाग ले रहे है और अपने सवालों और शंकाओ का समाधान पा रहे है, अलगा " वर्च्युअल संवाद " शुक्रवार को दोपहर 1 बजे से ज़ूम एप के माध्यम से आयोजित किया जाएगा। इससे जुड़ने के लिए अभिभावक संगठन के हेल्पलाइन नम्बर 9772377755 पर व्हाटसअप मेसेज कर मीटिंग का लिंक प्राप्त कर सकते है। हिन्दुस्थान समाचार/दिनेश/ईश्वर

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