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राजस्थान विद्यापीठ - प्रो. सारंगदेवोत फिर पांच साल के लिए चुने गए कुलपति

उदयपुर, 06 जून (हि.स.)। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय उदयपुर की ओर से गठित सर्च कमेटी ने अगले पांच वर्षों के लिए कुलपति के पद पर कर्नल प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत का पुनः चयन किया है। प्रो. सारंगदेवोत अगले पांच साल के लिए कुलपति के पद पर बने रहेंगे। इस निर्णय के बाद प्रो. सारंगदेवोत ने सबसे पहले विद्यापीठ के प्रतापनगर स्थिति जनुभाई की आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि संस्था कार्यकर्ताओं की संस्था है। उच्च स्तरीय बेहतर मानव संसाधन एवं कार्यकर्ताओं की कुशलता, मेहनत एवं लगन से ही विद्यापीठ उन्नति एवं प्रगति के मार्ग पर उन्नयन है। पं. जनार्दन राय नागर ने 83 वर्ष पूर्व 21 अगस्त, 1937 को तीन रुपये व एक किराये के भवन में पांच कार्यकर्ताओं के साथ संस्था की शुरुआत की थी जो आज 50 करोड़ के वार्षिक बजट तथा 15 हजार से अधिक विधार्थियों के साथ वट वृक्ष बन गया है। उन्हांेने बताया कि पिछले 9 वर्ष में समर्पित व निष्ठावान कार्यकर्ताओें की बदौलत नेक में ए ग्रेड विश्वविद्यालय, यूनी रेंक के तहत उदयपुर संभाग में प्रथम, राजस्थान के 70 विवि में 7वां, भारत के 900 विवि में से 142वां स्थान व विश्व के 30 हजार विवि में से 5032वां स्थान प्राप्त कर विद्यापीठ ने एक कीर्तिमान स्थापित किया है। सात करोड़ की लागत से डबोक परिसर में स्कूल आॅफ एग्रीकल्चर साइंसेज के भवन का निर्माण, दो एनसीसी विंग की नई यूनिट का प्रारंभ, विवि की ओर से 88 पेटेंट फाइल किए जा चुके हैं व 4 काॅपीराइट भी हैं। पूर्व में यूजीसी द्वारा पांच पाठ्यक्रमों की ही मान्यता प्राप्त थी, वर्तमान में 22 स्नातक, 30 स्नातकोत्तर, 10 डिप्लोमा पाठ्यक्रम सहित 115 पाठ्यक्रमों की यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त हो गई है जिसका संचालन आगामी दिनो में किया जायेगा। प्रो. सारंगदेवोत के कार्यकाल दौरान विधि महाविद्यालय, फार्मेसी, बीए बीएड, बीएसी बीएड, विज्ञान महाविद्यालय, कन्या महाविद्यालय, एग्रीकल्चर महाविद्यालय, स्पेशल बीएड, योगा, एमपीएड सहित कई नये पाठ्यक्रमों की शुरुआत हुई। संस्थान द्वारा पुरुष - महिला का आॅल इंडिया क्रोस कन्ट्री, वेस्ट जोन पुरुष महिला हैण्डबाॅल, ऑल इंडिया महिला - पुरुष बाॅक्सिंग, वेस्ट जोन महिला खो-खो का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। ये है भावी योजनाएं 01. विश्वविद्यालय की ओर से डबोक परिसर के मुख्य द्वार पर 12 करोड़ की लागत से 110 बेड वाले चिकित्सालय का निर्माण अंतिम स्तर पर है जिसका शुभारंभ लोकार्पण आगामी दिनों में किया जायेगा। इसका लाभ डबोक के आसपास के गांवों को मिलेगा। यह अस्पताल डबोक स्थित महाराणा प्रताप हवाईअड्डे के समीपस्थ होगा। 02. नर्सिंग महाविद्यालय, आयुर्वेदिक महाविद्यालय की स्थापना करना। 03. ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित सामुदायिक जनभारती केन्द्र के माध्यम से ग्रामीण युवाओं को स्किल डवलपमेंट के पाठयक्रमों से जोड़ना जिससे ग्रामीण क्षेत्रो में ही रोजगार के अवसर बढ़ सकें। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल

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