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राजाराम और कंपनी के प्रतिनिधि को दो जुलाई तक पुलिस अभिरक्षा में भेजा

जयपुर, 30 जून (हि.स.)। एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने शहर में सफाई करने वाली बीवीजी कंपनी के बकाया 276 रुपये का भुगतान करने के बदले बीस करोड रुपये की रिश्वत को लेकर हुई बातचीत के मामले में गिरफ्तार पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम और कंपनी के प्रतिनिधि ओंकार सप्रे को 2 जुलाई तक पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया है। एसीबी की ओर से दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया। एसीबी ने अदालत को बताया कि वीडियो में कंपनी के बकाया भुगतान को लेकर बीस करोड रुपये की रिश्वत राशि के लेनदेन की बात हो रही थी। ऑडियो और वीडियो का जयपुर और हैदराबाद एफएसएल सहित तीन स्थानों से सत्यापन कराया गया है। आरोपियों ने लेनदेन की बात कहां की और इसमें अन्य किन लोगों की मिलीभगत है, इस संबंध में आरोपियों से पूछताछ करनी है। इसलिए उन्हें तीन दिन के रिमांड पर सौंपा जाए। वहीं ओंकार सप्रे की ओर से कहा गया कि बातचीत रिश्वत के लिए नहीं बल्कि राम मंदिर निर्माण और प्रताप फाउंडेशन को सीएसआर के तहत राशि देने को लेकर की जा रही थी। एसीबी ने काल्पनिक आधारों पर निजी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसके अलावा एसीबी ने उसके घर पर सर्च भी कर लिया है। इसलिए उसे पुलिस अभिरक्षा में नहीं भेजा जाए। वहीं राजाराम की ओर से कहा गया कि राजनीतिक कारणों से चलते एसीबी उसे गिरफ्तार किया है। एसीबी ने प्राथमिकी दर्ज करने के बाद उससे पूछताछ पूरी कर ली है। ऐसे में एसीबी को रिमांड नहीं दिया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों आरोपियों को 2 जुलाई तक पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया है। गौरतलब है कि बीस करोड रुपये के लेनदेन की बातचीत का वीडियो सामने आने के बाद एसीबी ने अपने स्तर पर एफआईआर दर्ज कर मामले में निंबाराम और बीवीजी कंपनी के ओंकार सप्रे सहित एक अन्य व तत्कालीन मेयर के पति राजाराम को नामजद किया था। हिन्दुस्थान समाचार/ पारीक/ ईश्वर

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