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डूंगरपुर शहर के पांच प्रतिष्ठित चिकित्सालयों में की छापेमार कार्रवाई, आठ ऑक्सीजन सिलेंडर किये जब्त

डूंगरपुर, 23 अप्रैल (हि.स.)। शहर सहित जिले के कई निजी चिकित्सालयों में नर्सिंग होम चलाने की स्वीकृति बिना कोरोना मरीजों का इलाज करने व ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी करने की शिकायत के बाद चिकित्सा महकमा शुक्रवार को एक्शन मोड में दिखा तथा शहर के पांच प्रतिष्ठित निजी चिकित्सालयों पर छापामार कार्यवाही कर आठ ऑक्सीजन सिलेंडर जब्त किए वहीं, क्लीनिकल एस्टोब्लिशमेंट एक्ट के तहत तीन चिकित्सालय, औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम एक्ट के तहत दो मेडीकल स्टोर, पीसी-पीएनडीटी एक्ट के तहत दो मशीनें सील/सीज की गयी। जिले में निजी चिकित्सालयों व मेडिकल स्टोर में हो रही अनियमिताओ की प्राप्त सूचना के आधार पर शुक्रवार को अतिरिक्त जिला कलेक्टर कृष्णपाल सिंह चौहान के निर्देशन में उपखण्ड अधिकारी राजेश कुमार मीणा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश शर्मा व डॉ. महेश पुकार एचओउी व आचार्य व एवं कोविड-19 ऑक्सीजन प्रभारी, डॉ. किशोरीलाल औषधि नियंत्रण अधिकारी, विशाल कुमार जैन व शहर कोतवाल दिलीपदान सिहं द्वारा निजी चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण किया गया, जिसके तहत तीन निजी चिकित्सालयों व दो मेडिकल स्टोर पर कार्यवाही की गई, वही पीसीपीएनडीटी एक्ट के नियमों के तहत दो सोनोग्राफी मशीनों को सील/सीज किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि इस कोरोना काल में जहाँ जिला प्रशासन व चिकित्सा विभाग लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को आमजन तक पहुँचाने में लगा हुआ है वही दूसरी और जिले में लगातार कुछ निजी चिकित्सा संस्थानों पर हो रही अनियमिताओं की शिकायतें लगातार प्राप्त हो रही थी। इसी के तहत चिकित्सा संस्थानों व मेडिकल स्टोर का शुक्रवार को औचक निरीक्षण किया गया व अनियमितता पाए जाने पर संबंधित चिकित्सालयों व मेडिकल स्टोर पर नियमानुसार विभिन्न एक्टों के तहत कार्यवाही अमल में लाई गई। एचओडी व आचार्य व एवं कोविड-19 ऑक्सीजन प्रभारी डॉ. महेश पुकार ने बताया कि दिशा हॉस्पिटल का क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन नही है तथा अन्य कुछ प्रकार की अनियमिताए पाई गई। कार्रवाई के दौरान हॉस्पिटल में अवधि पार दवाइयां मिली व एक ऑक्सीजन सिलेंडर जब्त किया, जिस वजह से हॉस्पिटल सीज किया गया। इस दौरान ज्ञात हुआ कि डूंगरपुर राजकीय चिकित्सालय के निश्चेतना चिकित्सक दिशा हॉस्पिटल में सेवाए दे रहें है जिसमें सरकारी डॉक्टर द्वारा जिसमें दो एनेस्थेटिक डॉ. अमित जैन व डॉ. घनश्याम राठौड व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कलपेश जैन द्वारा वहां पर कार्य करना पाया गया। जिस पर पीएमओ डूंगरपुर को इन सभी सरकारी चिकित्सकों को निजी अस्पताल में कार्य करने पर कार्यवाही करने हेतु नोटिस देने के लिए कहा गया है। निरीक्षण दल के पुन: देखने पर डॉ. प्रवीण जैन पीछे के रास्ते पतली गली में खुली खिडकी के माध्यम से दवा बेचते पाए गए, जिन पर भी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। हॉस्पिटल मार्ग पर स्थित भगवान महावीर हॉस्पिटल में भी तीन सरकारी एनेस्थेटिक डॉ. अमित जैन, डॉ. घनश्याम राठौड व डॉ. रेखा रावत पूर्व में अलग-अलग समय पर निश्चेतन देना संचालक द्वारा बताया गया। साथ ही हॉस्पिटल में अनियमितता व क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन नही किया गया था, जिसके तहत हॉस्पिटल को बन्द करने के निर्देश दिए गए। कार्यवाही के दौरान हॉस्पिटल से तीन ऑक्सीजन सिलेंडर भी जब्त किये गए, साथ ही प्रशासनिक अमले ने चिकित्सालय को केवल ओपीडी देखने की परमिशन दी तथा पेशेंट एडमिट नहीं करने हेतु पाबंद किया। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा हॉस्पिटल मार्ग पर ही स्थित गुजरात हॉस्पिटल पर कार्रवाई करते हुए चार ऑक्सीजन सिलेंडर जब्त किए। टीम द्वारा कार्यवाही के दोरान ज्ञात हुआ कि गुजरात हॉस्पिटल के पास स्थित तहखाने में गुप्त तरीके से बनाए गए कोविड-19 वार्ड में कोरोना मरीजों के ईलाज के लिए सेंटर बना रखा था और शटर बंद करके इलाज चल रहा था जिसमें चिकित्सालय के आगे स्टेशनरी की दुकान व निचले स्तर पर एक तहखाने में अवैध रूप से हॉस्पिटल की गतिविधियाँ संचालित हो रही थी जिस पर उसे सील किया गया। निरीक्षण दल के पहुँचने पर कोई चिकित्सक मोके पर नही पाया गया। हॉस्पिटल में एक मरीज भर्ती था जिसे बाद में जिला अस्पताल में भर्ती करवाने हेतु पहुंचाया गया। इसी क्रम में शुक्रवार को की गयी कार्यवाही के दोरान पुण्य मेडिकल स्टोर व उपासना मेडिकल स्टोर दोनो ही स्टोर पर कार्यरत फार्मासिस्ट अनुस्थित पाए गए। वही उपासना मेडिकल स्टोर में फार्मासिस्ट के स्थान पर उसकी पत्नी द्वारा दवाइयां देना पाया गया। दोनों ही स्टोर पर औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम 1940 के तहत कार्यवाही करने हेतु एडीसी बासवाडा में भेजा जाएगा व लाईसेंस निलंबित किए जाएगे। शहर के मध्य स्थित उपासना जीवन रक्षा हॉस्पिटल में छापेमारी की गई जहां पर 35 बेड का हॉस्पिटल होने के बावजूद कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करते हुए सभी बेड कोविड-19 संदिग्ध मरीजों से भरे हुए पाए गए तथा पूरे हॉस्पिटल में जगह की कमी, अत्यधिक भीड़ तथा डॉक्टर व स्टॉफ बिना मास्क के ट्रीटमेंट देते पाए गए, साथ ही अनाधिकृत रूप से दो सोनोग्राफी मशीन भी पाई गयी जिसे प्रशासन ने जब्त करते हुए कार्रवाई की। होस्पिटल इकोकार्डियोग्राफी जांच की नयी व पुरानी दोनो मशीनो को सील/सीज किया गया। हिंदुस्थान समाचार / संतोष व्यास/संदीप

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